अकबर बुगती

बलूच राजनेता
(नवाब अकबर खान बुगती से अनुप्रेषित)

नवाब अकबर खान बुगती (12 जुलाई 1927–26 अगस्त 2006) पाकिस्तान स्थित बलूचिस्तान प्रांत के एक राष्ट्रवादी नेता थे जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक देश बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 26 अगस्त 2006 को बलूचिस्तान के कोहलू जिले में एक सैन्य कार्यवाही में अकबर बुगती और उनके कई सहयोगियों की हत्या कर दी गई थी। इस अभियान का आदेश जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने दिया था जो तब देश के सैन्य प्रमुख और राष्ट्रपति दोनों थे।[1]

Nawab Akbar Shahbaz Khan Bugti نواب اکبر شهباز بکٹی

पद बहाल
15 February 1973 – 3 January 1974
पूर्वा धिकारी Ghaus Bakhsh Bizenjo
उत्तरा धिकारी Ahmad Yar Khan

पद बहाल
4 February 1989 – 6 August 1990
पूर्वा धिकारी Jam Ghulam Qadir Khan
उत्तरा धिकारी Taj Muhammad Jamali

19th Tumandar of the Bugti Tribe
पूर्वा धिकारी Nawab Mehrab Khan Bugti
उत्तरा धिकारी Nawab Mir Aali khan Bugti

जन्म 12 जुलाई 1927
Barkhan, Barkhan District, Balochistan
मृत्यु 26 अगस्त 2006(2006-08-26) (उम्र 79 वर्ष)
Kohlu, Balochistan
राजनीतिक दल Jamhoori Watan Party
जीवन संगी Three Marriages: 1st Baloch, 2nd Pashtun & 3rd Persian
निवास Dera Bugti, Balochistan
पेशा Tumandar of Bugti Tribe, politician
धर्म Sunni Muslim

मुशर्रफ का शासन समाप्त होने के बाद अगली सरकार द्वारा 13 जून 2013 को इस हत्या के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।[2] हालांकि अक्टूबर 2013 में इस मामले में सबूतों के अभाव में उन्हें जमानत दे दी गई।[3]

उनके चौथे बेटे तलाल अकबर बुगती ने अक्टूबर 2010 में मुशर्रफ को मारने पर एक अरब रुपये और 100 एकड़ खेती की जमीन इनाम में देने की घोषणा की थी। दिसंबर 2013 में उन्होंने इसे बढ़ाकर दोगुना अर्थात् दो अरब रुपये और 200 एकड़ खेती की जमीन देने की घोषणा की। 2012 में अकबर बुगती के एक पोते ने मुशर्रफ के सिर पर 10.1 करोड रुपये का इनाम रखा था।[1]

पाकिस्तानी जनरल, राजनेता और पाकिस्तान के प्रांत, पंजाब के पूर्व राज्यपाल

इन्हें भी देखें

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  1. "बुगती के बेटे ने मुशर्रफ की हत्या पर इनाम दोगुना किया". नवभारत टाईम्स. 4 दिसम्बर 2013. मूल से 26 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2013.
  2. "मुशर्रफ अरेस्ट, जुडिशल कस्टडी में भेजे गए". नवभारत टाईम्स. 13 जून 2013. अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2013 2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
  3. "अब मुशर्रफ नहीं रहेंगे नजरबंद!". नवभारत टाईम्स. 9 अक्टूबर 2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद); |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)

बाहरी कड़ियाँ

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