नव-असीरियायी साम्राज्य


नव असीरियायी साम्राज्य प्राचीन असीरियायी इतिहास का चौथा हिस्सा था।इसकी शुरुआत ९११ ईसा पूर्व में आदाद-निरारी के सिंहासन पर बैठने से होती है[1]। इसके बाद नव असीरियायी साम्राज्य नौवीं और सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान प्राचीन मध्य पूर्व, काकेशस, उत्तरी अफ़्रीका, और पूर्वी मेडिटरेनियन पर हावी हुआ। उस समय तक वह इतिहास का सबसे बड़ा साम्राज्य बना।इसकी वैश्विक शक्ति और विश्व साम्राज्यवादी सोच के कारण कई शोधकर्ता मानते हैं कि यह इतिहास का सबसे पहला विश्व साम्राज्य है। इसने प्राचीन दुनिया के अन्य साम्राज्यों जैसे नाव बाबिलोनियों, हखामनियों, और सेल्युकिदों को सांस्कृतिक, राजनीतिक, और सैन्य दृष्टि से प्रभावित किया। अपने सर्वोत्तम काल में इस साम्राज्य की सैन्य शक्ति दुनिया में सबसे बड़ा था। यह मेसोपोटामिया, लिवंत, मिस्र, तुर्की, अरबिया, ईरान, और आर्मेनिया के कुछ हिस्सों में राज करता था।

पहले नव असीरियायी राजाओं का मुख्य लक्ष्य था की वे उत्तरी मेसोपोटामिया, पूर्वी तुर्की, और लिवंत पर असीरियायी क़ाबू दोबारा जमाएँ क्योंकि इस साम्राज्य से पहले आने वाले मध्य असीरियायी साम्र्यज्य (१३६५ - १०५० ईसा पूर्व) के बड़े हिस्से ग्यारहवीं शताब्दी (ईसा पूर्व) के अंतिम सालों में खोए गये थे। जब अशूर्णसिर्पल २ ८८३ ईसा पूर्व से ८५९ ईसा पूर्व तक राज कर रहे थे तब असीरिया दोबारा मध्य पूर्वी इलाक़े में सबसे ताकतवर देश बना। असीरिया बिना मुक़ाबला उत्तरी मेसोपोटामिया पर क़ाबू कर रहा था। अशूर्णसिर्पल के युद्ध के द्वारा असीरिया मेडिटरेनियन सागर तक पहुँच गया। उसके राजकाल के दौरान राजधानी का तबादला अश्शूर से कल्हू को हुआ क्योंकि कल्हू साम्राज्य के मध्य भाग के ज़्यादा निकट स्थित था। साम्राज्य की सीमाएँ अशूर्णसिर्पल के बाद बी राज करने वाले शाल्मनेसर ३ के ८५९ ईसा पूर्व से ८२४ ईसा पूर्व तक राज करने के दौरान उससे भी ज़्यादा बढ़ीं। लेकिन उसकी मौत के बाद साम्राज्य की लंबाई स्थिर रही। इस काल के दौरान सत्ता धनी सेनापतियों और अधिकारियों के हाथों में था और केंद्रीय सरकार असाधारण रूप से कमज़ोर थी। टिग्लथ-पाइलसर ३ के ७४५ से ७२७ ईसा पूर्व तक राज करने से इस काल का अंत हुआ। उसने एक और बार असीरियायी राजनैतिक सत्ता जमाया और कई दिशाओं में युद्ध करके साम्राज्य को दुगुना बढ़ाया। मुख्य रूप से उसने दक्षिण दिशा में बाबिल और लिवंत के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण पाया। ७२२ ईसा पूर्व से साम्राज्य के पतन तक राज करने वाला सार्गोनी राजवंश के दौरान असीरिया अपने सर्वोत्तम स्थिति तक पहुँच गया। सार्गोनी राजा सेनेचेरिब के ७०५ से ६८१ ईसा पूर्व तक राज करने के दौरान नीनिवे को राजधानी बनाया गया। मिस्र को हराने से एस्सर्हदोन के ६८१ से ६६९ ईसा पूर्व तक राज करने के दौरान साम्राज्य अपनी इतिहास में सबसी दूर सीमाओं तक पहुँचा। अपनी इतिहास में सबसे ताकतवर स्थिति में होने के बावजूद आकस्मिक रूप से सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व के आख़िरी सैलून में साम्राज्य का पतन हुआ। बाबिली बग़ावत और मिडों द्वारा युद्ध से साम्राज्य का विनाश हुआ। आज भी असीरिया के आकस्मिक पतन के कारणों के बारे में शोधकर्ताओं के बीच चर्चा हो रही है।

नव असीरियायी साम्राज्य की अनपेक्षित सफलता न केवल इसकी बढ़ने की शक्ति के कारण हुई थी बल्कि इसकी जीते हुए इलाक़ों को राजनैतिक कार्यप्रणाली में सम्मिलित करने की क़ाबिलियत की वजह से हुई थी। चूँकि यह साम्राज्य अपनी श्रेणी का पहला साम्राज्य था इसलिए इसने कई सैन्य, सामाजिक, और राजनैतिक आविष्कार किए। उदाहरणतः फ़ौज में घोड़ों और घेराबंदी की नई तरीक़ों का इस्तेमाल किया जाने लगा। नव असीरियायी सेना द्वारा पहली बार उपयोग किए गए तरीक़ों का उपयोग हज़ारों सालों बाद भी किया गया था। दूर तक पैग़ाम भेजने के लिए साम्राज्य ने राष्ट्रीय संदेश भेजने के जटिल कार्यप्रणाली का निर्माण किया। इसके लिए पक्के सड़क बनाये गये थे और बीच में संदेश थानों का प्रयोग किया गया था। उन्नीसवीं शताब्दी तक मध्य पूर्व में साम्राज्य में संदेश भेजने का रफ़्तार सबसे तेज़ था। साम्राज्य में स्थान बदलने के तरीक़े का प्रयोग किया गया था। इस योजना के अनुसार जीते हुए प्रदेशों से आबादी के एक भाग को असीरियाई देश में या अविकसित प्रदेशों में रहने के लिए मजबूर किया गया था। इस योजना की मदद से स्थानीय एकता टूटती थी और असीरियायी कृषि तकनीक पूरे साम्राज्य में फैलते थे। इसकी वजह से मध्य पूर्व में सांस्कृतिक विविधता कम हुई। वह इलाक़ा प्रजातीय और भाषीय रूप से हमेशा के लिए बदल गया। इसके कारण चौदहवीं शताब्दी तक आरामयिक भाषा उस इलाक़े का सामान्या भाषा बना।

नव असीरयायी साम्राज्य से उत्पन्न होने वाली संस्कृति बहुत लंबी समय तक असरदार थी। साम्राज्य द्वारा स्थापित संस्थाएँ उसके बाद में आने वाले साम्राज्यों के लिए आदर्श उदाहरण बने। नव असीरियायी राजाओं द्वारा फैलाये गए पूर्ण राज्य की सोच ने आधुनिक युग की शुरुआत तक वैश्विक राज्य की हक़ के बारे में सोच को प्रभावित किया। नव असीरियायी साम्राज्य मेसोपोटामिया में बाद में आने वाले लोककथाओं और साहित्य का अहम हिस्सा बना। यहूदी, ईसाई, और इस्लामी धर्म नव असीरियायी साम्राज्य से काफ़ी हद तक प्रभावित हुए। असीरियायी धर्म और इतिहास ने बाइबिल की कई कहानियों को प्रेरित किया। यहूदी धर्म पर असीरियायी प्रभाव अत्यंत महत्वपूर्ण था। हालाँकि नव असीरियायी साम्राज्य को सेना की अत्यधिक क्रूरता के लिए याद किया जाता है फिर भी वह सेना इतिहास के अन्य साम्राज्यों की तुलना में अत्यधिक ज़ुल्म नहीं करता था।

  1. Merrill, Eugene H.; Rooker, Mark F.; Grisanti, Michael A. (2011). The world and the Word: an introduction to the Old Testament. Nashville, Tenn: B&H Academic. OCLC 671703906. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8054-4031-7.