नसीम हिजाज़ी

उर्दु के अच़ीन नावल निगार

नसीम हिजाज़ी (नस्तालीक़: نسیم حجازی‎) उर्दू के मशहूर लेखक और उपन्यासकार थे जो ऐतिहासिक उपन्यासकारी के क्षितिज पर भी वे एक प्रभाव छोड़ गए। उनका असली नाम शरीफ़ हुसैन (नस्तालीक़: شریف حسین‎) था लेकिन वे इनके क़लमी नाम नसीम हिजाज़ी से जाने जाते हैं।[1] भारत का विभाजन से पहले उनका जन्म 1914 को गुरदासपुर ज़िला, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था। ब्रिटिश राज से आज़ादी के वक़्त उनका ख़ानदान हिजरत करके पाकिस्तान चला गया और बाक़ी की ज़िन्दगी उन्होंने वहाँ गुज़ारी। मार्च 1996 में उनकी मौत हो गई।

कृतियाँ संपादित करें

  • ख़ाक और ख़ून
  • यूसुफ़ बिन ताशफ़ीन
  • माज़म अली
  • और तलवार टूट गई
  • अंधेरी रात के मुसाफ़िर
  • कलीसा और आग
  • आख़री चटान
  • मुहम्मद बिन क़ासिम
  • आख़री मारका
  • दास्ताँ-ए-मुजाहिद
  • गुमशुदा क़ाफ़िले
  • इंसान और देवता
  • पाकिस्तान से दयार हरम तक
  • परदेसी दरख़त
  • पोरस के हाथी
  • क़ाफ़िला हिजाज़
  • केसरो कसरी
  • मकाफ़त की तलाश
  • शाहीन
  • सौ साल बाद
  • सफ़ेद जज़ीरा

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें