नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध

2019-2020 मे हुये आंदोलन

sonu kumar s/o - jay prakash mehta द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कुछ टिप्पणी किया गया।

सीएए एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र और स्थानीय लोग।

सीएए और एनआरसी विरोध, नागरिकता (संशोधन) बिल विरोध, या सीएबी और एनआरसी विरोध के रूप में भी जाना जाता है, भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) जिसे 12 दिसंबर 2019 को कानून बनाया गया था[1], और एक राष्ट्रव्यापी नागरिक रजिस्टर (NRC) बनाने के प्रस्तावों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला है।[2] 4 दिसंबर 2019 को असम,[3] दिल्ली,[4], मेघालय,[5] अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।[6] वे पूरे भारत में फैल गए हैं, हालांकि प्रदर्शनकारियों की चिंताएँ अलग-अलग हैं।[7] बिल के अनुसार इसमें पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान धार्मिक पर हो रहे अत्याचार का सामना करके आने वाले अल्पसंख्यक को अवेध प्रवासी नही माना जायेगा बल्कि उन्हें भी भारत की नागरिकता दे दी जाएगी ।तथा यह बिल लोक सभा में 11दिसंबर को पास हुआ था माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के उपस्थिति में । यह कार्यवाही 10 जनवरी 2020 को लागू किया गया ।इस बिल के अनुसार 31 जनवरी 2014 से पहले जितने भी प्रवासी भारत आए थे उन्हें अब भारत की नागरिकता दे दी जाएगी ।इसमें सिर्फ छ धर्मो के लोग शामिल है

1. हिंदू,

2.कृष्चन

3.सिख

4.जैन

5.बौद्ध

6.फारसी

ये सब जो पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बंगलादेश से आए हुए प्रवासी जो वर्तमान समय तक भारत में रह रहे है उन्हे नागरिकता दे दी जाएगी ।लेकिन कोई देश विरोधी कार्य नही किए हो ।

यह कारवाही सिर्फ असाम ,मेघालय ,त्रिपुरा, मिजोरम, में लागू नही होगा।

linner line permit area में भी लागू नही होगा।

अरुणाचल प्रदेश,नागालैंड ,मिजोरम।

राष्ट्रव्यापी नागरिक रजिस्टर और नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोधी दावा करते हैं कि जो दस्तावेजों प्रदान करने में असमर्थ होंगे, उनकी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी यदि वे सीएए का लाभ नहीं ले सकते हैं।[8] दोनों का संयुक्त कार्यान्वयन इसलिए घातक माना जा रहा है और सरकार इससे इनकार करने का प्रयास कर रही है।[9] गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व में कहा था कि सीएए और एनआरसी को एक के बाद एक लागू किया जाएगा।[10]

त्रिपुरा

संपादित करें

विश्विद्यालयों पर कार्रवाई

संपादित करें

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे

संपादित करें

२४ फरवरी को जाफराबाद और मौजपुर में हिंसक झड़पें हुईं जिसमें एक पुलिस अधिकारी और एक प्रदर्शनकारी, मारे गए। सीएए समर्थक प्रदर्शनकारी ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पथराव किया और घरों, वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की। पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। बाद में, यह बताया गया कि हिंसा के दौरान चार प्रदर्शनकारियों की भी मृत्यु हो गई। गृह मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा की वजह से हिंसा करवाई गई।[11]

=शाहीन बाग

संपादित करें

पश्चिम बंगाल

संपादित करें

उत्तर प्रदेश

संपादित करें

तमिल नाडू

संपादित करें

तेलंगाना

संपादित करें

महाराष्ट्र

संपादित करें

अन्य राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश

संपादित करें

चित्र दीर्घा

संपादित करें

नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में जागरूकता अभियान

संपादित करें

भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद और कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने कहा है कि कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भ्रम फैला रहे हैं। इसके विरुद्ध उन्होने लोगों को जागरूक करने के लिए जनसभाएँ आयोजित करने, रैलियाँ निकालने, हस्ताक्षर अभियान चलाने आदि का कार्यक्रम आयोजित कर रहे है।[12][13]

३० दिसम्बर २०१९ को भारत के प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वविटर पर एक अभियान चलाया है। इस अभियान के लिए #IndiaSupportsCAA हैशटैग का प्रयोग किया गया है। मोदी ने खुद इस हैशटैग का प्रयोग करते हुए लोगों से इस अभियान का समर्थन करने की अपील की है। पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा है कि लोग फोटो, वीडियो और अन्य तरीकों से बताएं कि कैसे नागरिकता कानून का समर्थन करते हैं।[14]


  1. {{Cite web|url=https://www.thehinduopinion.com/2020/01/the-citizenship-amendment-act-2019.html Archived 2020-02-01 at the वेबैक मशीन |Amendment Act and Myths|date=February 22, 2020|website=The Hindu Opinion|language=en|access-date=2020-02-22}
  2. "नागरिकता संशोधन कानून का क्यों हो रहा है विरोध?". द इकोनोमिक टाइम्स हिन्दी. अभिगमन तिथि 27 दिसम्बर 2019.
  3. डेका, कौशिक (12 दिसम्बर 2019). "नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध: क्यों असम जल रहा है". इंडिया टुडे (अंग्रेज़ी में). मूल से 12 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 दिसम्बर 2019.
  4. "Citizenship Amendment Bill 2019: Anti-citizenship law protests: Latest developments and reactions | India News - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). December 16, 2019. मूल से 17 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-15.
  5. "Violence Grips Assam, Meghalaya, Bengal & Delhi as Protests Escalate Across India; Oppn Plans Mega Rally". News18. मूल से 16 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-15.
  6. "Protests and strikes hit Assam, Manipur, Tripura against CAB" (अंग्रेज़ी में). 2019-12-09. मूल से 20 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-12.
  7. Serhan, Yasmeen (2019-12-18). "When Is a Protest Too Late?". The Atlantic (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-12-21., Quote: "Though the protesters in India share a common opposition to the new citizenship law, their reasons for rejecting the legislation vary."
  8. "CAA & NRC: The two together pose a serious threat to India's development story". www.businesstoday.in. मूल से 20 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-01-08.
  9. Dec 24, ANI |; 2019; Ist, 21:09. "No connection between detention centre, CAA and NRC: Amit Shah | India News - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2020-01-08.
  10. "Know the difference between NRC and CAA Bill". The Economic Times. 2019-12-26. मूल से 20 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-01-08.
  11. सुकृति द्विवेदी, राहुल सिंह (२५ फरवरी २०२०). "दिल्ली में कैसे हुई हिंसा की शुरूआत, जानिए इसके बारे में सब कुछ". एनडीटीवी.[मृत कड़ियाँ]
  12. [newsonair.nic.in/hindi/Hindi-News?title=भाजपा-नागरिकता-संशोधन-अधिनियम-पर--व्यापक-जनसंपर्क-अभियान-चलाएगी%2C-नए-कानून-के-समर्थन-में-लोग-सामने-आए&id=13733 भाजपा नागरिकता संशोधन अधिनियम पर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाएगी, नए कानून के समर्थन में लोग सामने आए]
  13. "नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मनकापुर में चला जागरूकता अभियान". मूल से 30 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 दिसंबर 2019.
  14. "नागरिकता कानून के समर्थन में पीएम मोदी ने ट्विटर पर शुरू किया अभियान". मूल से 30 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 दिसंबर 2019.