नागरी आन्दोलन
उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में भारत में उर्दू लिपि के स्थान पर देवनागरी लिपि अपनाने का आन्दोलन चला जिसे नागरी आन्दोलन या हिन्दी-नागरी आन्दोलन के नाम से जाना जाता है।
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संपादित करें- भारत की भाषा समस्या (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ राम बिलास शर्मा)