नाग केसर

पौधों की प्रजाति

नागकेसर या नागचम्पा (वानस्पतिक नाम : Mesua ferrea)[1] एक सीधा सदाबहार वृक्ष है जो देखने में बहुत सुंदर होता है। यह द्विदल अंगुर से उत्पन्न होता है। पत्तियाँ इसकी बहुत पतली और घनी होती हैं, जिससे इसके नीचे बहुत अच्छी छाया रहती है। इसमें चार दलों के बडे़ और सफेद फूल गरमियों में लगते हैं जिनमें बहुत अच्छी महक होती है। लकड़ी इसकी इतनी कड़ी और मजबूत होती है कि काटनेवाले की कुल्हाडियों की धारें मुड मुड जाती है; इसी से इसे 'वज्रकाठ' भी कहत हैं। फलों में दो या तीन बीज निकलते हैं। हिमालय के पूरबी भाग, पूरबी बंगाल, आसाम, बरमा, दक्षिण भारत, सिहल आदि में इसके पेड बहुतायत से मिलते हैं।[2][3]

नाग केसर
Mesua ferrea
Ceylon ironwood in Thelwatta, South-East Sri Lanka.
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: सपुष्पक पौधा
वर्ग: मैग्नोलियोप्सीडा
गण: Malpighiales
कुल: Clusiaceae
उपकुल: Kielmeyeroideae
वंश समूह: Calophylleae
वंश: Mesua
जाति: M. ferrea
द्विपद नाम
Mesua ferrea
Carolus Linnaeus
पर्यायवाची

Mesua coromandelina Wight
Mesua nagassarium (Burm.f.) Kosterm.
Mesua pedunculata Wight
Mesua roxburghii Wight
Mesua sclerophylla Thw.
Mesua speciosa Choisy
Mesua stylosa

नागकेसर के सूखे फूल औषध, मसाले और रंग बनाने के काम में आते हैं। इनके रंग से प्रायः रेशम रँगा जाता है। श्रीलंका में बीजों से गाढा, पीला तेल निकालते हैं, जो दीया जलाने और दवा के काम में आता है। तमिलनाडु में इस तेल को वातरोग में भी मलते हैं। इसकी लकड़ी से अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। लकड़ी ऐसी अच्छी होती है कि केवल हाथ से रँगने से ही उसमें वारनिश की सी चमक आ जाती है। बैद्यक में नागकेसर कसेली, गरम, रुखी, हलकी तथा ज्वर, खुजली, दुर्गंध, कोढ, विष, प्यास, मतली और पसीने को दूर करनेवाली मानी जाती है। खूनी बवासीर में भी वैद्य लोग इसे देते हैं। इसे 'नागचंपा' भी कहते हैं।

चित्रदीर्घा संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 दिसंबर 2018.
  2. Kostermans, A.J.G.H. (1980). "Clusiaceae (Guttiferae)". प्रकाशित Dassanayaka, M.D.; Fosberg, F.R. (संपा॰). A revised handbook to the flora of Ceylon. I. New Delhi. पपृ॰ 107–110.
  3. Ashton, M; Gunatilleke, S; de Zoysa, N; Dassanayake, MD; Gunatilleke, N; Wijesundera, S (1997). A Field Guide to the Common Trees and Shrubs of Sri Lanka (PDF). Colombo. पृ॰ 140. मूल (PDF) से 6 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 दिसंबर 2018.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें