पाताल हिन्दू धर्म के अनुसार पृथ्वी के नीचे होते हैं। विष्णु पुराण के अनुसार सात प्रकार के पाताल लोक होते हैं।

लैंड्सबर्ग के हेरड की होर्टस डेलिसियारम पांडुलिपि में नरक का मध्ययुगीन चित्रण (लगभग 1180)
लैंड्सबर्ग के हेरड की होर्टस डेलिसियारम पांडुलिपि में नरक का मध्ययुगीन चित्रण (लगभग 1180)

सात पाताल संपादित करें

यह समस्त भूमण्डल पचास करोड़ योजन विस्तार वाला है। इसकी ऊंचाई सत्तर सहस्र योजन है। इसके नीचे सात पाताल नगरियां हैं। ये पाताल लोक इस प्रकार से हैं:-

  1. अतल
  2. वितल
  3. नितल
  4. गभस्तिमान
  5. महातल
  6. सुतल
  7. पाताल

सुन्दर महलों से युक्त वहां की भूमियां शुक्ल, कृष्ण, अरुण और पीत वर्ण की तथा शर्करामयी (कंकरीली), शैली (पथरीली) और सुवर्णमयी हैं। वहां दैत्य, दानव, यक्ष और बड़े बड़े नागों की जातियां वास करतीं हैं। वहां अरुणनयन हिमालय के समान एक ही पर्वत है।

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