नानक सिंह
भारतीय लेखक
नानक सिंह (4 जुलाई, 1897 - 28 दिसम्बर, 1971) पंजाबी भाषा के कवि, गीतकार एवं उपन्यासकार थे। उनका मूल नाम हंस राज था। भारत की स्वतन्त्रता के पक्ष में लिखने के कारण अंग्रेजी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन्होने कई उपन्यासों की रचना की।
रचनाएँ
संपादित करेंकाव्य
संपादित करें- सीहरी हंस राज
- सतिगुर महिमा
- ज़खमी दिल
कहानी संग्रह
संपादित करें- हंझूआं दे हार
- ठंडीआं छावां
- सध्धरां दे हार
- सुनहिरी जिलद
- वड्डा डाकटर ते होर कहाणीआं
- तास दी आदत
- तसवीर दे दोवें पासे
- भूआ
- सवरग ते उस दे वारस
उपन्यास
संपादित करें- मिध्धे होए फुल्ल
- आसतक नासतक
- आदमखोर
- अध्ध खिड़िआ फुल्ल
- अग्ग दी खेड
- अणसीते ज़ख़म
- बी.ए.पास
- बंजर
- चड़्हदी कला
- छलावा
- चित्तरकार
- चिट्टा लहू
- चौड़ चानण
- धुंदले परछावें
- दूर किनारा
- फौलादी फुल्ल
- फरांस दा डाकू (अनुवाद)
- गगन दमामा बाजिओ
- गंगा जली विच्च शराब
- गरीब दी दुनीआं
- इक मिआन दो तलवारां
- जीवन संगराम
- कागतां दी बेड़ी
- काल चक्कर
- कटी होई पतंग
- कल्लो
- ख़ून दे सोहले
- कोई हरिआ बूट रहिओ री
- लंमा पैंडा
- लव मैरिज
- मंझधार
- मतरेई मां
- मिठ्ठा महुरा
- नासूर
- पाप दी खट्टी
- प्राशचित
- पथ्थर दे खंभ
- पथ्थर कांबा (अनुवाद)
- पतझड़ दे पंछी (अनुवाद)
- पवित्तर पापी
- पिआर दा देवता
- पिआर दी दुनीआं
- प्रेम संगीत
- पुजारी
- रब्ब आपणे असली रूप विच्च
- रजनी
- साड़्हसती
- संगम
- सरापीआं रूहां
- सूलां दी सेज (अनुवाद)
- सुमन कांता
- सुपनिआं दी कबर
- टुट्टे खंभ
- टुट्टी वीणा
- वर नहीं सराप
- विशवासघात
होर
संपादित करें- मेरी दुनीआं
- मेरी जीवन कहाणी (आत्मकथा)
- मेरीआं सदीवी यादां
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- नानक सिंह एवम् प्रेमचंद का जीवन दर्शन और साहित्यिक मान्यताएँ (सुरजीत सिंह वरवाल)