नानख़ताई बिस्कुट की एक प्रकार है जिस की उत्पत्ति सूरत में हुई। ये बिस्कुट भारत और पाकिस्तान में बहुत लोकप्रिय हैं।[1] नानख़ताई का शब्द फ़ारसी के शब्द नान और अफ़ग़ानी के शब्द ख़ताई से आया है जिस का अर्थ रोटी के बिस्कुट है।[2][3] अफ़ग़ानिस्तान और पूर्वोत्तर ईरान में इसे कुल्चाये खताई कहा जाता है। कुलचा भी नान जैसी एक रोटी का नाम है।[4]

नानख़ताई
उद्भव
वैकल्पिक नाम कुल्चाये खताई
संबंधित देश सूरत
व्यंजन का ब्यौरा
मुख्य सामग्री गेहूं का आटा, चावल का आटा, मक्खन, पिसी चीनी, दूध / दही, नमक, शहद, बेकिंग पाउडर
  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 17 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 अप्रैल 2015.