निकी लोडा
एंड्रियास निकोलस "निकी" लॊडा एक फार्मूला वन रेसिंग ड्राइवर थे। वह १९७५, १९७७ और १९८४ में F1 विश्व चैंपियन थे। उनका जन्म २२ फ़रवरी १९४९ में हुआ था। उन्हॊने दो एयरलाइंस (लॊडा ऐयर और निकी) स्थापना की। वे दो साल के लिए जगुआर फॉर्मूला वन रेसिंग टीम के मैनेजर रहे। लॊडा १९७६ जर्मन (ऩुरबुरगरिंग) ग्रां प्री में एक दुर्घटना के शिकार बने। उनकी फेरारी आग लग गई थी। विषैली गैसों और चोट के कारण, लॊडा मौत के करीब थे। लेकिन वह ठीक हो गए और इतालवी ग्रां प्री के लिए लौटे।
प्रारंभिक जीवन
संपादित करेंनिकी लॊडा का जन्म एक धनी परिवार में हुआ। उनके दादाजी एक विनीज़ जन्मे व्यापारी था। उसका नाम हंस लॊडा था। लौडा अपने परिवार की नापसंदगी के बावजूद एक रेसिंग ड्राइवर बन गए। एक मिनी के साथ शुरू करने के बाद, उन्हॊने फॉर्मूला वी ड्राइव करना शुरू किया। लेकिन तेजी से पोर्श और शेवरॉन जैसे स्पोर्ट्स कारों कॊ ड्राइव करना शुरू किया। उसका व्यवसाय उसके इच्छानुसार नहीं चल रहा था। उसे ऒर उन्नति की आशा थी। इस वजह से वह बैंक से एक जीवन बीमा पॉलिसी द्वारा सुरक्षित 30000 पाउंड ऋण लिया। उनके माता पिता के साथ एक झगड़ा हॊ रहा था क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि लॊडा ड्राइव करे। लॊडा बहुत निराश हॊ गए क्योंकि वह गहरे कर्ज में थे। वह आत्महत्या के बारे में भी सोचने लगे थे। लॊडा की किस्मत चम्की जब एंज़ॊ फेरारी (फेरारी के मालिक) ने उसे फेरारी के लिए ड्राइव करने कॊ कहा।
निजी जीवन
संपादित करेंलॊडा, अपनी पहली पत्नी, मार्लिन (१९९१ में तलाक) के साथ दो बेटे हैं: मैथियास, जो खुद एक रेसिंग ड्राइवर है और लुकास, जो मैथियास के प्रबंधक के रूप में कार्य करता है। २००८ में उन्हॊने बिरगिट से शादी की जो उनसे ३० साल से छोटी है। सितम्बर में बिरगिट जुड़वा बच्चों, एक लड़का और एक लड़की, को जन्म दिया।
फेरारी १९७४-१९७७
संपादित करेंलॊडा फेरारी अपनी पहली रेस में दूसरे स्थान पर आ गए। अपनी पहली ग्रां प्री की जीत स्पेनिश ग्रैंड प्रिक्स में था। वह १९७२ में ड्राइवरों चैंपियनशिप में चौथे आये। अपने पहले विश्व चैम्पियनशिप मॉन्ज़ा में इतालवी ग्रां प्री में उन्होने तीसरा स्थान ग्रहन किया। जर्मन ग्रां प्री रेस के एक हफ्ते पेहले उन्होने सारे ड्राइवरों से रेस रोक्ने के लिये अनुरोध किया। लेकिन उनमें से ज्यादातर ड्राइवरों ने रेस में भाग लिया। १ अगस्त १९७६ में वे जर्मन (ऩुरबुरगरिंग) ग्रां प्री में एक दुर्घटना के शिकार बने। उनकी फेरारी को आग लग गई थी। विषैली गैसों और चोट के कारण, लॊडा मौत के करीब थे। वह दुर्घटना के बाद खड़े हो सकते थे। लेकिन वह तुरंत कोमा में चलए गये। लॊडा केवल छह हफ्तो में ही रेस के लिए लौट आए। वे इतालवी जीपी में चौथे स्थान पर आए। अंतिम रेस जापानी ग्रां प्री था। लेकिन रेस के दिन पर बारिश हो रही थी। लॊडा ने रेस को बीच में ही छोड़ दिया।
एफ 1 के बाद जीवन
संपादित करेंलॊडा १९८५ में अपऩी एयरलाइन, लॊडा ऐयर से लौट आए। लॊडा फेरारी टीम को फिर से जीवित करने के लिए मॊंटेज़ेमॊलॊ द्वारा फेरारी में सलाहकार नियुक्त किया गए। १९९९ में लॊडा एयर के शयरॊं कॊ ऑस्ट्रियन एयरलाइंस को बेचने के बाद उन्होंने जगुआर फॉर्मूला वन रेसिंग टीम कॊ २००१-२००२ में संभाल लिया। २००३ में उन्हॊने एक नई एयरलाइन शुरू कर दी जिसका नाम “निकी” है। लॊडा एक वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस रखती है। लॊडा एयर जुलाई २०१३ में बंद हुआ। उन्होंने १९९६ के बाद से अर.टी.एल पर ऑस्ट्रिया और जर्मन टेलीविजन के लिए ग्रैंड प्रिक्स पर कमेंटरी प्रदान करनी शुरू कर दी। निकी लॊडा ने पाँच पुस्तकें लिखी है: १. ग्रां प्री ड्राइविंग की कला और विज्ञान (शीर्षक फॉर्मूला 1 : कुछ बाजारों में कला और ग्रां प्री ड्राइविंग की तकनीकी) (१९७५) २. फेरारी के साथ मेरा साल (१९७९) ३. नया फार्मूला वन : एक टर्बो आयु (१९८४) ४. मीन स्टोरी (शीर्षक: नर्क और कु छ बाजारों में वापस करने के लिए) (१९८६) ५. दास दिॄथे लिबेऩ (१९९६) २००५ में ऑस्ट्रिया के डाकघर उन्हे सम्मान देने के लिए एक डाक टिकट जारी किया। सितम्बर २०१२ में उन्होंने मर्सिडीज एएमजी पेट्रोनास F1 टीम के गैर कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया।