निकोलाई निकोलिएविश

रूस के जर्नल

ग्रांड ड्यूक निकोलाई निकोलिएविश रोमानोव (रूसी : Николай Николаевич Романов ; 6 नवम्बर 1856 – 5 जनवरी 1929) रूस के सेनानायक था जिसने प्रथम विश्वयुद्ध के प्रथम वर्ष में रूसी सेना का नेतृत्व किया। वह निकोलस प्रथम का पौत्र तथा अलेक्सांदर तृतीय का चचेरा भाई था।

निकोलाई निकोलिएविश

निकोलाई निकोलिएविश का जन्म ६ नवम्बर १८५६ को सेंट पिटर्सवर्ग (लेनिनग्राड) में हुआ था। सैनिक और इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्तकर १६ साल की आयु में १८७३ में मिलिटरी अकादमी में सेना में कमीशंड अफसर बना। अपने पिता और रूस के प्रधान मंत्री सेनापति ग्रांट ड्यूक निकोलस (१८३१-१८९१) के स्टाफ में काम किया। रूसी तुर्की युद्ध (१८७७-१८७८) में भाग लिया। १८८४ में गार्ड हूसार रेजीमेंट का १८८४ से साढ़े ६ साल कमांडर रहा। १८९५ में बिग्रेडियर बनाया गया। इस पद पर वह १० साल रहा और महत्वपूर्ण सुधार किए। 'नेशनल डिफ़ेस कौंसिल' का प्रेसिडेंट बनाया गया। जर्मन पद्धति के अनुसार रूसी सेना का पुनर्गठन किया। १९०८ से १९१४ तक इसने युद्ध की तैयारी में कोई भाग नहीं लिया।

१ अगस्त १९१४ की शाम को जर्मनी की युद्ध घोषणा के बाद इसको जर्मन मोर्चे पर रूसी सेना का प्रधान सेनापति बनाया गया। युद्ध की एक ऐसी योजना को पूरा करने का इसकी काम साँपा गया, जिसको बनाने में इसका कोई हाथ न था। प्रशा-आस्ट्रिया-गैलिशिया-वार्सा पोज़ेन (Posen) पांत पर जाना था। जर्मन वार्सा के द्वार पर पहुँचे हुए थे। गैलिशिया में आस्ट्रियन सेना को पीछे हटने को बाध्य किया। परंतु जर्मन सेना के साथ मुकाबला होने पर पीछे लौटना पड़ा। युद्धों के इतिहास में यह ऐतिहासिक प्रत्यावर्तन प्रसिद्ध है।

काकेशिया का वायसराय और प्रधान सेनापति बनाया गया। गैलीपोली सिनाई और मैसेपोटामिया में मित्रराष्ट्रों की मदद की और जर्मन सेना को तुर्की की मदद के लिए आने से रोक रखा। आर्मेनिया पर अधिकार किया।

१२ मार्च १९१७ को रूसी राज्यक्रांति के दिन ग्रांड ड्यूक काकेशिया में तिफलिस से माँगीलेव की विजययात्रा पर था। राह में स्वागत अभिनंदन हुआ और मांगीलेव पहुँचने पर प्रिंस लोव का तार मिला कि उसे प्रधान सेनापति के पद से हटाया गया। इसके बाद भी यह दो साल क्रीमिया में रहा। मार्च १९१९ में इटली होता हुआ फ्रांस पहुँचा। एंटी वे (फ्रांस) में रहा और 'सुप्रीम कौंसिल ऑव रशियन मानर्किस्ट पार्टी' नाम से एक पार्टी बनाई। १६ जनवरी १९२९ को इसका एंटी बे में देहांत हुआ।