निकोलाओ मानुची (इतालवी: Niccolò Manucci, 1639-1717) एक इतालवी लेखक और यात्री था। वह 16 (1654) वर्ष की उम्र में भारत आया था । उसने मुग़ल दरबार में काम किया। इसके अतिरिक्त उसने दारा शूकोह, शाह आलम, राजा जयसिंह और कीरत सिंह की सेवा में काम किया।

बिब्लोतिक़ नाशियोनाले दे फ्रांस में लिकोलाओ मानुची का एक चित्र

परिचय संपादित करें

निकोलायो मानुकसी का जन्म 19 अप्रैल 1638 को वेनिस में हुआ था। यह पाँच बहन-भाइयों में से पहला था। वह चौदह साल की छोटी उम्र में था जब वह अपने एक चाचे के साथ कोर्फ़ू चला गया। और फिर एक जहाज़ में छिप कर इज़मिर के लिए रवाना हो गया। सफ़र के दौरान हेनरी बारड, बेलोमोण्ट के विसकाउण्ट के साथ उसकी मुलाकात हो गई। उसके साथ वह ईरान आ पहुँचा और फिर वहाँ से आगे वह सूरत, हिन्दुस्तान पहुँच गया। यह एक लेखक भी था । इसने एक हास्यास्पद डायरी 'स्टोरियो डु मोगोर'(मुगल कथायें)के नाम से लिखी । [1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 मार्च 2015.