निराला की साहित्य साधना
रामविलास शर्मा द्वारा रचित 'निराला' की जीवनी एवं आलोचना
निराला की साहित्य साधना हिन्दी के विख्यात साहित्यकार रामविलास शर्मा द्वारा रचित एक जीवनी है जिसके लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1] इस जीवनी का प्रकाशन सन् 1969
निराला की साहित्य साधना | |
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[[चित्र:|]] निराला की साहित्य साधना | |
लेखक | रामविलास शर्मा |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
विषय | साहित्य |
में हुआ था। निराला की साहित्य साधना तीन खंडों में लिखी गई है। इसके द्वितीय खंड की 'भूमिका' में रामविलास शर्मा लिखते हैं कि- "साहित्यकार के व्यक्तित्व का श्रेष्ठ निदर्शन उसका कृतित्व है। इस कृतित्व का विवेचन पुस्तक के दूसरे खण्ड में है। पहला खण्ड उसकी भूमिका मात्र है।"[2] इसके अतिरिक्त इसके तीसरे खंड में निराला के पत्रों का संग्रह किया गया है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
- ↑ रामविलास, शर्मा (2011). निराला की साहित्य साधना 2. नयी दिल्ली: राजकमल प्रकाशन. पृ॰ 3. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-267-1694-4.