पतंजलि योगसूत्र में निर्बीज समाधि एक विशेष प्रकार की समाधि है। 'निर्विकल्प समाधि' इससे सम्बन्धित है किन्तु दोनों समान नहीं हैं।

तस्यापि निरोधे सर्वनिरोधान्निर्बीजः समाधिः॥ (योगसूत्र १/५१)
भावार्थ- जब सारे नियंत्रणों पर का नियंत्रण पार कर लिया जाता है, तो निर्बीज समाधि फलित होती है और उसके साथ ही उपलब्धि होती है- जीवन से मुक्ति।

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