निर्मल भारत अभियान
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निर्मल भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम था। यह 2012 को शुरु किया गया। का उद्देश्य खुले स्थान पर मल त्याग की पारम्परिक प्रथा को पूरी तरह समाप्त करना है। इसका नाम पहले'सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान' था।
लक्ष्य
संपादित करें- संपूर्ण स्वच्छता पर्यावरण का सृजन - 2017 तक : एक स्वच्छ परिवेश की प्राप्ति और खुले स्थान पर मल त्याग की समाप्ति, जहां मानव मल अपशिष्ट का सुरक्षित रूप से प्रबंधन और निपटान किया जाता है।
- उन्नत स्वच्छता प्रथाएं अपनाना - 2020 तक : ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों को, खास तौर पर बच्चों और देखभालकर्ताओं द्वारा हर समय सुरक्षित स्वच्छता प्रथाएं अपनाना।
- ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन - 2022 तक : ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रभावी प्रबंधन इस प्रकार करना कि गांव का परिवेश हर समय स्वच्छ बना रहे।
कार्यनीति
संपादित करेंग्रामीण क्षेत्रों में इसे प्राप्त करने के लिए विभाग ने आने वाले वर्षों के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निम्नलिखित कार्यनीति बनाई हैं-
- खुले स्थान पर मल त्याग की पारंपरिक आदत को पूरी तरह समाप्त करना और इसे इतिहास की घटना बना देना।
- ठोस और तरल अपशिष्ट के सुरक्षित प्रबंधन के लिए प्रणालियों को प्रचालित करना।
- उन्नत स्वच्छता व्यवहारों को अपनाने के लिए बढ़ावा देना।
- सुभेद्य समूहों जैसे महिलाओं, बच्चों, वृद्ध और विकलांग व्यक्तियों पर विशेष ध्यान सहित इसकी पहुंच में असमानता को संबोधित करना।
- सुनिश्चित करना कि प्रदाता के पास इस स्तर पर सेवाओं की प्रदायगी की क्षमता तथा संसाधन हैं।
- ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सुभेद्य वर्गों से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र एजेंसियों में सहयोग को उद्दीपित करना और समर्थ बनाना।
- कार्यनीति के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए व्यापार, शिक्षा और स्वैच्छिक क्षेत्र के भागीदारों के साथ मिलकर कार्य करना।