निर्वात निस्यन्दन एक शीघ्र निस्यन्दन तकनीक है जिसका प्रयोग ठोस पदार्थों के तरल पदार्थों से पृथक्करण हेतु किया जाता है।

 

गुरुत्वाकर्षक निस्यन्दन एक धीर प्रक्रम होता है। चूषण द्वारा घटे हुए दाब पर निस्यन्दन करके इसकी गति को बढ़ाया जा सकता है। चूषण हेतु जल चूषित्र अथवा निर्वात निष्कासक का प्रयोग किया जा सकता है। जल चूषित्र को रबर ट्यूब की सहायता से नल पर लगाया जा सकता है। इसमें जल की तेजधार का उपयोग चूषक की भुजा के माध्यम से वायु खींचने हेतु किया जाता है। चूषण अत्यधिक शक्तिशाली होता है, इसलिए निस्यन्दन हेतु सिलिण्डराकार कीप का उपयोग किया जाता है। इसे रबर कॉर्क की सहायता से निस्यन्दक फ्लास्क के मुँह पर लगा दिया जाता है।