निवेशक उन व्यक्ति या संस्थाओं को कहा जाता है, जो किसी योजना में अपना धन निवेश करते हैं। निवेशक कई प्रकार के होते हैं, जैसे व्यक्तिगत निवेशक, सामाजिक संस्थाएं और विदेशी संस्थागत निवेशक।[1]

व्यक्तिगत निवेशक

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संख्या के अनुसार देखें, तो यह समूह शेयरधारकों का सबसे बड़ा भाग होता है। सार्वजनिक निर्गम के संदर्भ में, व्यक्तिगत निवेशकों को दो भागों में बांटा जा सकता है।[1] पहले वह जो अधिकतम एक लाख रुपए के शेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं और दूसरे वह जो एक लाख या उससे अधिक मूल्य के शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन निवेशकों को एचएनआई कहा जाता है। एचएनआई[2] शब्द का उपयोग सबसे अमीर निवेशकों के लिए किया जाता है। इसके अलावा जब किसी IPO में निवेश किया जाता है तब भी आपको आईपीओ केटेगरी का विकल्प मिलता है। आईपीओ में फुटकर निवेशकों का हिस्सा ३५ और एचएनआई का २५ प्रतिशत होता है।

सामाजिक संस्थाएं

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ये कई लोगों द्वारा आपस में मिलकर बनाई गई संस्थाएं होती हैं, लेकिन ये संस्थाएं अपने बनाए गए नियम कानूनों के तहत ही शेयर बाजार में निवेश कर सकती हैं।[1]

विदेशी संस्थागत निवेशक

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ये वे संस्थाएं होती है जिनकी रचना भारत में निवेश करने हेतु विदेश में की गई है। भारत में निवेश करने के लिए इन संस्थाओं को सेबी के साथ अपना पंजीकरण विदेशी संस्थागत निवेशक के रूप में करना होता है।[1] सेबी के नियमों के मुताबिक इस तरह की संस्थाएं किसी भारतीय कंपनी के आईपीओ के कुल मूल्य के दस प्रतिशत से ज्यादा पर निवेश नहीं कर सकतीं।

वित्तीय संस्थाएं

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वित्तीय संस्थाओं के अंतर्गत बैंक, बीमा कंपनियां, पेंशन फंड आदि के लिए धन लगाने वाली संस्थाएं होती हैं।[1] निवेशकों के संदर्भ में कहें, तो प्राथमिक और द्वितीयक बाजार के ये सबसे बड़े निवेशक होते हैं।

  1. निवेशक। हिन्दुस्तान लाइव। २० नवम्बर २००९।
  2. "शेयर बाजार में HNI इन्वेस्टर क्या होता है? - My Nivesh" (अंग्रेज़ी में). 2022-10-11. अभिगमन तिथि 2022-10-12.