किसी ऑप ऐम्प को ओपेन-लूप में रखते हुए, आउटपुट को शून्य करने के लिए दोनों इनपुट पिनों के बीच जितना वोल्टेज लगाना पड़ता है उसे उस ऑप-ऐम्प का निवेश ऑफसेट वोल्टता (input offset voltage Vos) कहते हैं। एक आदर्श ऑप-ऐम्प का इनपुट ऑफसेट वोल्टेज शून्य होना चाहिए किन्तु सामान्य कार्यों के लिए डिजाइन किए गये सस्ते ऑप-ऐम्प का इनपुट ऑफसेट वोल्टेज १ मिलिवोल्ट से लेकर १० मिलिवोल्ट तक होता है। कुछ ऑप-ऐम्प में इनपुट ऑफ़सेट को शून्य बनाने के लिए एक अलग से पिन दी गयी होती है (इनपुट ऑफसेट नल पिन) जिस पर एक रेजिस्टर डिवाइडर से कुछ वोल्टेज लगाकर ऑफसेट को कुछ माइक्रोवोल्ट की सीमा में लाया जा सकता है। किन्तु समस्या यह होती है कि एक बार ऑफसेट को शून्यकर लेने के बाद भी तापमान के बदलने पर पुनः कुछ ऑफसेट आ जाता है। 'चॉपर ऐम्प्लिफायर' नामक ऑप-ऐम्प में अन्दर ही ऐसी व्यवस्था रहती है कि इसका आउटपुट तापमान के बदलने पर भी शून्य के निकट बना रहता है।

एक वास्तविक ऑप-ऐम्प का ट्रान्सफर वैशिष्ट्य (ओपेन लूप में); इस वैशिष्ट्य में क्षैतिक्ष-अक्ष पर दोनों पिनों के बीच की वोल्टता तथा ऊर्ध्व-अक्ष पर आउटपुट वोल्टता प्लॉट की गयी है। इस ग्राफ से पता चलता है कि इस ऑप-ऐम्प का निवेश ऑफसेट वोल्टेज लगभग ०.५ मिलीवोल्ट है। ग्राफ से यह भी पता चलता है कि यदि दोनों इनपुट पिनों के बीच शून्य वोल्ट हो (अर्थात दोनों पिनें परस्पर शॉर्टेड हों) तो आउटपुट शून्य नहीं बल्कि ६ वोल्ट होगा।