जलविज्ञान में निस्सरण किसी दिये गये अनुप्रस्थ-काट क्षेत्र (क्रॉस-सेक्शनल एरिया) के द्वारा प्रवाहित जल जिसमें निलंबित ठोस (जैसे तलछट), घुलित रासायनिक सामग्री (जैसे CaCO3(aq)) और/या जैविक सामग्री (जैसे द्विअणु) शामिल हों, की परिमाण दर है।[1] निस्सरण को जलाशय प्रणाली के संदर्भ में अक्सर बहिर्वाह, के नाम से भी परिभाषित किया जाता है।

निस्सरण को व्यक्त करने के लिए m3/s (घन मीटर प्रति सेकण्ड) या ft3/s (घन फीट प्रति सेकण्ड) या/और एकड़-फुट प्रति दिन जैसी ईकाइयाँ प्रयोग में आती हैं।[2]

किसी नदी के निस्सरण मापने या उसका अनुमान लगाने के लिए सामान्यत: निरंतरता समीकरण का सरल प्रकार प्रयोग मे लाया जाता है। समीकरण के अनुसार किसी भी असंपीड्य तरल, जैसे कि जल का निस्सरण (Q) धारा के अनुप्रस्थ-काट क्षेत्र (A) और उसके माध्य वेग () के गुणनफल के बराबर होता है। इसे निम्नलिखित रूप से व्यक्त किया जा सकता है।

जहाँ

  • निस्सरण है ([L3T−1]; m3/s या ft3/s)
  • प्रवाह द्वारा वाहिक के भरे हुये भाग का अनुप्रस्थ-काट क्षेत्र है ([L2]; m2 या ft2)
  • औसत प्रवाह वेग है ([LT−1]; m/s या ft/s)
  1. Buchanan, T.J. and Somers, W.P., 1969, Discharge Measurements at Gaging Stations: U.S. Geological Survey Techniques of Water-Resources Investigations, Book 3, Chapter A8, 1p.
  2. Dunne, T., and Leopold, L.B., 1978, Water in Environmental Planning: San Francisco, Calif., W.H. Freeman, 257-258 p.