निहाली भाषा पश्चिम-मध्य भारत के मध्य प्रदेशमहाराष्ट्र राज्यों के कुछ छोटे भागों में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह एक भाषा वियोजक है, यानि विश्व की किसी भी अन्य भाषा से कोई ज्ञात जातीय सम्बन्ध नहीं रखती और अपने भाषा-परिवार की एकमात्र ज्ञात भाषा है। भारत में इसके अलावा केवल जम्मू और कश्मीर की बुरुशस्की भाषा ही दूसरी ज्ञात भाषा वियोजक है। निहाली समुदाय की संख्या लगभग ५,००० है लेकिन सन् १९९१ की जनगणना में इनमें से केवल २,००० ही इस भाषा को बोलने वाले गिने गए थे।[1]

निहाली
बोलने का  स्थान  भारत
तिथि / काल 1991
क्षेत्र मध्य प्रदेश में निमाड़ और महाराष्ट्र में बुलढाणा (विशेषकर जलगाँव जमोद गाँव)
भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली 21°03′N 76°32′E / 21.050°N 76.533°E / 21.050; 76.533
मातृभाषी वक्ता 2,000
भाषा परिवार
भाषा कोड
आइएसओ 639-3 nll
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निहाली समुदाय ऐतिहासिक रूप से कोरकू समुदाय से सम्बन्धित रहा है और उन्हीं के गाँवों में बसता है। इस कारण से निहाली बोलने वाले बहुत से लोग कोरकू भाषा में भी द्विभाषीय होते हैं। निहाली बोली में बहुत से शब्द आसापास की भाषाओं से लिए गए हैं और साधारण बोलचाल में लगभग ६०-७०% शब्द कोरकू के होते हैं। भाषावैज्ञानिकों के अनुसार मूल निहाली शब्दावली के केवल २५% शब्द ही आज प्रयोग में हैं।[2]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Nagaraja, K.S. (2014). The Nihali Language. Manasagangotri, Mysore-570 006, India: Central Institute of Indian Languages. ISBN 978-81-7343-144-9.
  2. Franciscus Bernardus Jacobus Kuiper, "Nahali: a comparative study Archived 2013-06-11 at the वेबैक मशीन", Part 25, Issue 5 of Mededeelingen der Koninklijke Nederlandsche Akademie van Wetenschappen, Afd. Letterkunde, N.V. Noord-Hollandsche Uitg. Mij., 1962