नीयत, (और अलग-अलग शब्द नियाह , निय्या , निय्यत या नियत (अरबी : نیّة) एक इस्लामी तरीक़े का ज़िक्र जिसमें पूरे दिल से अल्लाह (ईश्वर) के लिए किसी अच्छे काम को करने का इरादा कर लेना। [1]

इब्न रजब की इमाम नब्वी में चालीस हदीसो की तफ़सीर : हदीस #1 के अनुसार , काम इरादों से परखें जाते हैँ : "'उमर इब्न अल-ख़त्ताब ने फ़रमाया की पैगंबर मुहम्मद सल्ल ला लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा: कर्म [का फल] सिर्फ़ इरादे है [उसे करने वाले के], और जो जैसा इरादा रखेगा उसके अनुरूप वैसा पाएगा [उपलब्धता] |"[2]

  1. World Faiths, Teach yourself - Islam by रुक़्क़ैय्या मक़सूद . ISBN 0-340-60901-X. पेज 51
  2. "Ibn Rajab's Commentary on Imam Nawawi's Forty Hadith - Hadith #1 Actions are but by intentions". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2015.