नीरा देसाई (1925 - 25 जून 2009) भारत में महिला अध्ययन के नेताओं में से एक थीं और उन्हें एक प्रोफेसर, शोधकर्ता, शिक्षाविद, राजनीतिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनके योगदान के लिए जानी जाती थी।[1] उन्होंने 1974 में महिला अध्ययन के लिए अपनी तरह के पहले अनुसंधान केंद्र और ग्रामीण विकास केंद्र की स्थापना की।[2]

प्रारंभिक जीवन संपादित करें

नीरा देसाई का जन्म 1925 में एक गुजराती परिवार में हुआ था जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल थे और उसका समर्थन करते थे।

नीरा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा थियोसोफिस्ट विचारधारा पर स्थापित एक सह-शिक्षा संस्थान फेलोशिप स्कूल में की। उन्होंने 1942 में एलफिंस्टन कॉलेज में प्रवेश लिया, लेकिन महात्मा गांधी द्वारा भारत छोड़ो प्रस्ताव की शुरुआत के बाद स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए जल्द ही औपचारिक शिक्षा छोड़ दी। नीरा ने 1947 में एक साथी समाजशास्त्री अक्षय रमनलाल देसाई से शादी की।[3] अंततः अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, देसाई ने भारतीय स्वतंत्रता के तुरंत बाद अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। उनकी एम.ए थीसिस आधुनिक भारत में महिलाओं (भक्ति आंदोलन में महिलाओं का विश्लेषण) पर केंद्रित थी, जिसे बाद में 1957 में प्रकाशित किया गया था।

देसाई का निधन 25 जून 2009 को मुंबई में हुआ था।[4]

पेशेवर समयरेखा संपादित करें

देसाई के पेशेवर कार्यों में लैंगिक अध्ययन में सुधार एवं कई नीतिगत सिफारिशों के माध्यम से अकादमिक जीवन में व्यावहारिक अनुभव लाने पर ध्यान दिया और नागरिक समाज और शैक्षिक पाठ्यक्रम के लिंक को समझने और प्रचारित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

देसाई ने अंग्रेजी और गुजराती दोनों भाषाओं में समाजशास्त्र, इतिहास और महिला अध्ययन[5] पर लिखी है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. http://www.iaws.org/neera-desai-1925-2009/
  2. https://www.epw.in/journal/2009/28/commentary/neera-desai-1925-2009-pioneer-womens-studies-india.html
  3. https://onlinelibrary.wiley.com/doi/10.1111/j.0953-5233.2006.00390.x
  4. https://www.epw.in/journal/2009/28/commentary/neera-desai-1925-2009-pioneer-womens-studies-india.html
  5. https://onlinelibrary.wiley.com/doi/10.1111/j.0953-5233.2006.00390.x