नीलकमल (1947 फ़िल्म)
हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र
नीलकमल 1947 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
नीलकमल | |
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नीलकमल का पोस्टर | |
निर्देशक | किदार नाथ शर्मा |
पटकथा | किदार नाथ शर्मा |
निर्माता | किदार नाथ शर्मा |
अभिनेता |
राज कपूर, मधुबाला |
प्रदर्शन तिथियाँ |
24 मार्च, 1947 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंचरित्र
संपादित करेंमुख्य कलाकार
संपादित करेंदल
संपादित करेंसंगीत
संपादित करेंबाबुल की दुआएं लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले मैके की कभी ना याद आए ससुराल में इतना प्यार मिले बाबुल की दुआएं ...
नाज़ों से तुझे पाला मैंने कलियों की तरह फूलों की तरह बचपन में झुलाया है तुझको बाँहों ने मेरी झूलों की तरह मेरे बाग़ की ऐ नाज़ुक डाली तुझे हर पल नई बहार मिले बाबुल की दुआएं ...
जिस घर से बँधे हैं भाग तेरे उस घर में सदा तेरा राज रहे होंठों पे हँसी की धूप खिले माथे पे ख़ुशी का ताज रहे कभी जिसकी जोत न हो फीकी तुझे ऐसा रूप-सिंगार मिले बाबुल की दुआएं ...
बीतें तेरे जीवन की घड़ियाँ आराम की ठंडी छाँवों में काँटा भी न चुभने पाए कभी मेरी लाड़ली तेरे पाँवों में उस द्वार से भी दुख दूर रहें जिस द्वार से तेरा द्वार मिले बाबुल की दुआएं ...