नीलकुरिंजी
नीलकुरिंजी या कुरिंजी (Strobilanthes kunthiana) दक्षिण भारत के पश्चिम घाट के १८०० मीटर से ऊंचे शोला घास के मैदानों में बहुतायत से उगने वाला एक पौधा होता है। नीलगिरी पर्वत को अपना नाम इन्हीं नीले कुरंजी के पुष्पों से आच्छादित होने के कारण नाम मिला। यह पौधा १२ वर्षों में एक बार ही फूल देता है। इस से ही पालियन लोग इस पौधे की आयु का अनुमान लगाते हैं।[1]
स्ट्रॉबिलैन्थेस कुन्थियाना | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | एंजियोस्पर्म |
अश्रेणीत: | बीजपत्री |
अश्रेणीत: | ऐस्टरिड्स |
गण: | लैमिएल्स |
कुल: | एकैन्थेसी |
वंश: | स्ट्रॉबिलैन्थेस |
जाति: | एस. कुन्थियाना |
द्विपद नाम | |
स्ट्रॉबिलैन्थेस कुन्थियाना (नीस) टी.एण्डरसन |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Mike Kielty, Thursday Online, The Lost Gardens of the Raj Archived 2012-09-12 at आर्काइव डॉट टुडे (2008-3-4)
koi
बाहरी कड़ियाँ
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