नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र
नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र, इस्लामिक गणराज्य ईरान नई दिल्ली, के कल्चर हाउस में स्थित है। नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र पुरानी पाण्डुलिपि की मरम्मत, उनकी माइक्रोफिल्म व तस्वीर तैयार करना व मुद्रित पृष्ठों को प्रकाशित करना, जैसे कार्यो में लिप्त रहा है। मेहदी ख्वाजा पीरी द्वारा किये गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप 1985 में इस सेंटर को स्थापित किया गया था।
केन्द्र की शैक्षिक व सांस्कृतिक गतिविधियों की शुरुआत अल्लामा क़ाज़ी नूरुल्लाह शुस्तरी की पुण्यतिथि (बरसी) के साथ हुई। वह अपने समय के विधिवेत्ता होने के साथ-साथ एक विद्वान, मोहद्दिस, धर्मशास्त्री, कवि व साहित्यिक व्यक्ति भी थे। उन्हें शहीद-ए-सालिस से भी जाना जाता है। इस महान व्यक्ति की याद में नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र का नाम रखा गया।[1]
गतिविधियाँ
संपादित करेंइस्लामी ईरानी विरासत की रक्षा व प्रकाशित करने के उद्देश्य से नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र की स्थापना की गई। इसके अलावा सेंटर में भारतीय पुस्तकालयों जैसे, मौलाना आजाद पुस्तकालय, लखनऊ पुस्तकालय व गुजरात पुस्तकालय आदि। की 60 हज़ार से अधिक फ़ारसी, अरबी व उर्दू पाण्डुलिपियों की माइक्रोफिल्म व तस्वीरें तैयार की।[2] पाण्डुलिपियों की फोटो का संग्रह और माइक्रोफिल्म जो सारांश व विस्तृत कैटलॉग में उपलबध है। जिनको [[फ़ारसी, अरबी, अंग्रेजी, व उर्दू में तैयार किया गया है।[3][4][5][6] इसी तरह केन्द्र द्वारा पाण्डुलिपियों की मरम्मत व रक्षा के लिए हर्बल उपचार के माध्यम से एक आधुनिक विधि का अविष्कार किया गया जिसके द्वारा 700 साल पुरानी पांडुलिपि कुल्लियात सादी[7] व सबसे पुरानी नहजुल बलाग़ा की मरम्मत की गई।[8][9] अब तक केन्द्र द्वारा मरम्मत की गई इस्लामिक पुस्तको की 200 से अधिक मूल्यवान पाण्डुलिपियों को अति सुंदरता व मूल प्रति की विशेषताओ के साथ प्रकाशित किया गया है। इस प्रकार की डिजाइनिंग व प्रजनन को सेंटर द्वारा पहली बार क्रियान्वित किया गया है।[10]
लक्ष्य व उद्देश्य
संपादित करेंनूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र निम्न लक्ष्यों व उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया :
- आधुनिक विधि द्वारा एक ही पाण्डुलिपि की दूसरी प्रति व प्राचीन पाण्डुलिपि की मरम्मत, पेस्टिंग, व प्रकाशन करना। और इसके अतिरिक्त पाण्डुलिपि की माइक्रोफिल्म व फोटो तैयार करना।
- ईरान और भारत की साझी सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखना और एक रूपरेखा के तहत सामान्य इस्लामी मूल्यों की रक्षा और उनसे अवगत कराना।
- दोनों देशो के शोधकर्ता अध्ध्यन व शोध के उद्देश्य से आपस में संवाद कर सके।
- ईरान- भारत साझी सांस्कृतिक के क्षेत्र में शोध छात्रों के साथ सम्बन्ध स्थापित करना। और उन्हें अध्ध्यन क्षेत्र में सभी संभव सुविधाये प्रदान करना।
- वैज्ञानिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग प्राप्त करने के लिए पुस्तकालयों और भारत-ईरान ओरिएण्टल स्टडीज केन्द्रो को स्थापित करना।
प्रकाशन
संपादित करें- मोलूदे काबा
- खसाइसे मुर्तज़ावी
- अल-मक़सदुल जली फि मस्नादुल अली
- मनाक़िबुल मुर्तज़ा मिन मवादिबुल मुस्तफ़ा
- माइक्रोफिल्म की सूची, फ़ारसी, अरबी, पाण्डुलिपि, खण्ड 8 (राजा महमूदाबाद पुस्तकालय)
- माइक्रोफिल्म की सूची, फ़ारसी,[अरबी, पाण्डुलिपि, खण्ड 7 (इवान-ए-ग़ालिब पुस्तकालय)
- माइक्रोफिल्म की सूची, फ़ारसी, अरबी, पाण्डुलिपि, खण्ड 6 (डॉ॰ज़ाकिर हुसैन पुस्तकालय,जामिया मिलिया इस्लामिया)
- माइक्रोफिल्म की सूची, फ़ारसी, अरबी, पाण्डुलिपि, खण्ड 5 (अंजुमन तरक्की-ए-उर्दू पुस्तकालय )
- माइक्रोफिल्म की सूची, फ़ारसी, अरबी, पाण्डुलिपि, खण्ड 4 (गुजरात पुस्तकालय)
- माइक्रोफिल्म की सूची, फ़ारसी, अरबी, पाण्डुलिपि, खण्ड 3 (हकीम सय्यद ज़िल्लुर रहमान पुस्तकालय)
प्रदर्शनी व सेमिनार
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "लाइब्रेरी, म्यूजियम एंड डाक्यूमेंट्स ऑफ़ दा ईरानियन पार्लियामेंट". ईरान कल्चर हाउस में नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र. मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जनवरी 2012.
- ↑ "60 हज़ार पाण्डुलिपियाँ". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2015.
- ↑ "नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र की सेवाएं". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2015.
- ↑ "दुनिया की सबसे पुरानी नहजुल बलाग़ा की मरम्मत व प्रतिकृति". The Islamic Republic News Agency (IRNA). अभिगमन तिथि 26 April 2013.
- ↑ "भारत में दुनिया की सबसे पुरानी नहजुल बलाग़ा की प्रतिकृति". AhlulBayt News. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2015.
- ↑ "सबसे पुरानी नहजुल बलाग़ा की मरम्मत व प्रतिकृति". News Agency. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 April 2013.
- ↑ "तुरान शाही कुल्लियाते सादी की एक प्रतिलिपि". India-Iran. मूल से 20 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 July 2011.
- ↑ "भारत में 700 साल पुरानी कुल्लियात सादी की मरम्मत : एक रिपोर्ट". Central News Agency. मूल से 20 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 April 2013.
- ↑ "भारत में 700 साल पुरानी कुल्लियाते सादी की मरम्मत". Islamic Republic News Agency IRNA. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 April 2013.
- ↑ "भारत में दुनिया की सबसे पुरानी नहजुल बलाग़ा की मरम्मत व प्रतिकृति". Islamic Republic News Agency IRNA. मूल से 30 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 April 2013.
- ↑ "फोर्ट विल्लियम कॉलेज भारत में पाण्डुलिपि मरम्मत की फोटो प्रदर्शनी". khabaryaab News. मूल से 2 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 December 2010.
- ↑ "नूर इंटरनेशनल माइक्रोफिल्म सेंटर में 55 हज़ार भारतीय पाण्डुलिपियों का संग्रह". Rasa News. मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 October 2010.
- ↑ "दस्तावेजों के अनुकरण की सबसे बड़ी प्रदर्शनी". Islamic Republic News Agency IRNA. मूल से 4 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 May 2013.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- ईरान की इस्लामी गणराज्य समाचार एजेंसी की रिपोर्ट
- नूर अंतर्राष्ट्रीय माइक्रोफिल्म केन्द्र की वेबसाइट
- दुनिया की सबसे पुरानी नहजुल बलाग़ा की मरम्मत व प्रतिकृति (यू ट्यूब ) पर देखें
- भारत में पवित्र क़ुरान की मरम्मत(यू ट्यूब ) पर देखें
- दुनिया की सबसे पहली प्रतिकृति पाण्डुलिपि (यू ट्यूब ) पर देखें
- खत-ए-दीवानी में दुनिया का सबसे बड़ा क़ुरान (यू ट्यूब ) पर देखें
- 700 साल पुरानी पाण्डुलिपि कुल्लियाते सादी की मरम्मत (यू ट्यूब ) पर देखें
- भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में फ़ारसी के पुराने दस्तावेज़ों की प्रदर्शनी (यू ट्यूब ) पर देखें
फोर्ट विल्लियम कॉलेज भारत में पाण्डुलिपि मरम्मत की फोटो प्रदर्शनी (यू ट्यूब ) पर देखें