नेउइली-सुर-सेइन की संधि
प्रथम विश्व युद्ध के अन्त के पश्चात् सम्पन्न तथा पराजित राष्ट्रों के मध्य पाँच मुख्य सन्धियाँ हुई थीं। न्यूइली की सन्धि भी उन पाँच सन्धियों में से एक थी। न्यूइली की सन्धि मित्रराष्ट्रों तथा बल्गारिया के मध्य सम्पन्न हुई थी। यह सन्धि 27 नवम्बर, 1919 को पेरिस के उपनगर न्यूइली में हुई थी।
न्यूइली की सन्धि की प्रमुख धाराएँ न्यूइली की सन्धि की प्रमुख धाराएँ निम्नलिखित
1. इस सन्धि के आधार पर बल्गारिया को 1912-13 ई. के बाल्कन युद्ध एवं प्रथम विश्व युद्ध के समय जीते गए प्रदेशों को वापस लौटाना पड़ा।
2. बल्गारिया को पश्चिमी थ्रेस यूनान को देना पड़ा जिससे बल्गारिया को बहुत नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि थ्रेस को यूनान को दे देने से उसका एजियन सागर से, सम्पर्क टूट गया।
3. पश्चिमी बल्गारिया के चार छोटे-छोटे प्रदेशों को यूगोस्लोवाकिया को दे दिया गया। यहाँ की जनता बल्गेरियन थी परन्तु इन प्रदेशों का विभाजन करते समय ‘आत्मनिर्णय के सिद्धान्त' की अनदेखी कर दी गई।
4. बल्गारिया की जल सेना समाप्त कर दी गई। सेना को घटाकर 20,000 कर दिया गया तथा सशस्त्र सैनिकों की संख्या 13,000 रखी गई।
5. उस पर 35 करोड़ डॉलर की क्षतिपूर्ति लाद दी गई जोकि उसे 37 किश्तों में अदा करनी थी।
परिणाम - इस प्रकारे स्पष्ट है कि न्यूइली की सन्धि के द्वारा बल्गारिया को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा। अपने दूसरे साथियों की तुलना में उसे सबसे कम क्षेत्र खोने पड़े। अब बल्गारिया बाल्कन | राष्ट्रों में क्षेत्रफल, जनसंख्या तथा सैन्य बल की दृष्टि से सबसे कमजोर राष्ट्र बन गया।
कार महोदय ने लिखा है कि "सन् 1919 ई. की न्यूइली की सन्धि ने बल्गारिया की हानि पर मुहर लगा दी और बल्गारिया को और भी अधिक हानि में डलाते हुए सर्बिया और यूनान से लगी हुई उसकी सीमाओं में परिवर्तन कर दिया गया तथा रूमानिया से लगे हुए उसके 1913 में निर्धारित स्पष्टतया अन्यायपूर्ण सीमान्त को वैसा ही छोड़ दिया गया।