नेपाल की आंतरिक तराई घाटियाँ
नेपाल के दक्षिणी निचले तराई क्षेत्र में कई लम्बी नदी घाटीयां पाई जाती हैं जिन्हें आंतरिक तराई घाटियां या आंतरिक तराई कहा जाता है। ये उष्णकटिबंधीय घाटियाँ हिमालय की तलहटीयों से घिरी हुई हैं अर्थात, उत्तर में महाभारत श्रेणी से और दक्षिण में शिवालिक की पहाड़ियों से।[1][2]
ये घाटियां तराई-दुआर सवाना और घासभूमि पारिक्षेत्र के हिस्सा हैं।[3] वे मोटे से लेकर महीन जलोढ़ तलछट से भरे हुए हैं।[4]चितवन, दांग और देउखुरी घाटियां सबसे बड़ी आंतरिक तराई घाटियों में से एक हैं। इन घाटियों में १९५० से पहले तक मलेरिया का दबदबा हुआ करता था। जब से इन क्षेत्रों में मलेरिया का उन्मूलन हुआ है, यह क्षेत्र पहाड़ी प्रवासियों के लिए उपयुक्त गंतव्य बन चुका है। बड़ी मात्रा में लोग पहाड़ से आकर बसने लगे जिन्होंने अछूत जंगलों और घास के मैदानों को खेती योग्य बस्ती में परिवर्तित कर दिया।[5]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Gurung, H. (1971). "Landscape pattern of Nepal". Himalayan Review (4): 1–10.
- ↑ Nagendra, H. (2002). "Tenure and forest conditions: community forestry in the Nepal Terai". Environmental Conservation. 29 (4): 530–539. S2CID 86632135. डीओआइ:10.1017/S0376892902000383.
- ↑ Dinerstein, E., Loucks, C. (2001). "Terai-Duar savanna and grasslands". Terrestrial Ecoregions. World Wildlife Fund.
- ↑ Hasegawa S.; Dahal, R. K.; Yamanaka M.; Bhandary N. P.; Yatabe R.; Inagaki H. (2009). "Causes of large-scale landslides in the Lesser Himalaya of central Nepal". Environmental Geology. 57 (6): 1423–1434. S2CID 59490114. डीओआइ:10.1007/s00254-008-1420-z. बिबकोड:2009EnGeo..57.1423H.
- ↑ Gurung, H. (1988). "Nepal: Consequences of migration and policy implications". Contributions to Nepalese Studies. 15 (1): 67–94.