पंक्ति छंद
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जून 2015) स्रोत खोजें: "पंक्ति छंद" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल - ४० वर्ण (मात्रा) होते हैं। पङक्ति कहने का मूल पाँच पादों से हैं। यानि इन्ही ४० मात्राओं से अनुष्टुप [1] (या गायत्री) के पाँच पाद बनते हैं - क्योंकि उनके एक पाद में आठ मात्राएँ होती हैं। उदाहरण - ऋग्वेद में मिलता है -
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ शास्त्री, सीताराम. निरुक्तम्(निघंटु सहितम). पृ॰ 31. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7110-105-4.