आंचलिक कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के कहानी संग्रह ‘ठुमरी’ में संकलित कहानी ‘पंचलाइट’  पर साल 2017 में फ़िल्म निर्देशक प्रेम प्रकाश मोदी ने फ़िल्म का निर्माण किया। हालांकि फ़िल्म ‘पंचलैट’ का हाल रेणु की कहानी 'तीसरी कसम Archived 2021-09-18 at the वेबैक मशीन' उर्फ 'मारे गए गुलफ़ाम' पर आधारित फिल्म 'तीसरी कसम' जैसा ही हुआ। और इस फ़िल्म को भी न तो फ़िल्म समीक्षकों ने ज्यादा सराहा और न ही यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल कर पाई। हालांकि साल 1967 में तीसरी कसम को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार से भी नवाजा गया।

पंचलैट सेट

हिंदी साहित्य पढ़ने वाले या साहित्य में रुचि रखने वालों ने रेणु की कहानी पंचलाईट तो जरूर पढ़ी होगी। आंचलिक साहित्य के सबसे बड़े हस्ताक्षर हैं रेणु। उनकी इस कहानी पर बनी फिल्म पंचलैट में हालांकि कुछ सिनेमैटिक छूट भी ली गई है।


फ़िल्म 'पंचलैट' जागरण फ़िल्म फेस्टिवल 2018 में बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नॉमिनेट हुई थी। इसके अलावा इंडियन पैनोरमा फ़िल्म फेस्टिवल में भी नॉमिनेशन हासिल किया था।

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