पंच रथ (पांच रथ या पांडव रथ या ऐंथिनाई कोविल) भारत के तमिलनाडु राज्य के चेंगलपट्टू जिले में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर महाबलीपुरम में एक स्मारक परिसर है। पंच रथ अखंड भारतीय रॉक-कट वास्तुकला(शैल-चित्र का एक प्रकार) का एक उदाहरण है। ऐसा अनुमान है कि इस परिसर को आरंभ में राजा नरसिम्हावर्मन प्रथम (630-668 ई.पू.) के शासनकाल के दौरान बनाया था। यह परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अंतर्गत माना जाता है। इसे यूनेस्को द्वारा 1984 में महाबलीपुरम में स्मारकों के समूह के रूप में अंकित यूनेस्को विश्व विरासत स्थल का भाग भी माना गया।[1] पंचरथ परिसर में पाँच में से प्रत्येक स्मारक एक रथ जैसी दिखाई देती है। इनमें से प्रत्येक को ग्रेनाइट के एक ही लंबे पत्थर पर उकेरा गया है, जो उत्तर-दक्षिण दिशा में थोड़ा-सा झुका हुआ है।[2] इन बनी हुई संरचनाओं का नाम महाभारत के प्रसिद्ध चरित्र पाँच पांडवों तथा उनकी पत्नी द्रौपदी के नाम पर रखा गया है। संरचनाओं के आकार के क्रम में धर्मराज रथ, भीम रथ, अर्जुन रथ, नकुल सहदेव रथ तथा द्रौपदी रथ शामिल किए गए हैं।

उत्पत्ति

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शिलाकार खंभों का नाम पांडवों - अर्जुन, भीम, युधिष्ठिर, नकुल और सहदेव तथा द्रौपदी के नाम पर रखा गया था। हालाँकि ऐसा माना जाता है कि इन संरचनाओं का महाभारत के प्रतिष्ठित पात्रों से कोई संबंध नहीं है।

  1. "ग्रुप ऑफ़ मॉन्यूमेंट्स ऐट महाबलीपुरम". यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज़ कन्वेंशन. यूनाईटेड नेशंस ऐजुकेशनल साइंटिफ़िक ऑर्गेनाईज़ेशन. अभिगमन तिथि 2007-02-08.
  2. "पंच रथास, ममल्लपुरम". आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया. अभिगमन तिथि 23 October 2012.