पंजाब की स्थानिय मुर्तिकला

१ पन्जाब की धरती पर कला का एक अध्याय सुरु होने से पहले ही समाप्त कर दिया गया। जितने भी आक्रमन कारी भारत की सरजमीन पर आये उन्होने सबसे पहले पन्जाब को अपना निशाना बनाया।   ये ही मुख्य कारण है कि पन्जाब में कोई भी कला अपने चरम तक नहीं पहुच सकी। पन्जाब में चित्रकला के साथ साथ मूर्तिकला को भी बहुत हानी हुई। क्योंकि आक्रमनकारीयो ने जो विध्वन्स यन्हा की सरजमीन पर किया वह बड़ा ही भयानक था।


सन्दर्भ संपादित करें