पझम पोरी, जिसे एठक्का अप्पम के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारतीय राज्य केरल का एक लोकप्रिय पारंपरिक नाश्ता है। यह स्वादिष्ट व्यंजन पके हुए केले (प्लांटेन) के स्लाइस को हल्के मीठे घोल में लपेटकर गहरे तेल में तला जाता है, जिससे यह बाहर से कुरकुरा और अंदर से नरम बनता है।

इतिहास और सांस्कृतिक महत्व

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पझम पोरी केरल में पीढ़ियों से एक प्रिय नाश्ता रहा है। यह आमतौर पर सड़क किनारे चाय की दुकानों (चाय कडाओं) और पारंपरिक रसोई से जुड़ा हुआ है। इसका इतिहास राज्य में केले की प्रचुर खेती से जुड़ा है, जो केरल के व्यंजनों का एक मुख्य हिस्सा है। यह नाश्ता अक्सर चाय के साथ खाया जाता है और मानसून के मौसम में इसका आनंद विशेष रूप से लिया जाता है, जब इसकी गर्म और कुरकुरी बनावट बारिश के मौसम में आराम देती है।

परोसने की विधि

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पझम पोरी को आमतौर पर गर्मागर्म परोसा जाता है, और अक्सर इसे चाय या कॉफी के साथ खाया जाता है। इसकी मिठास और कुरकुरापन का संतुलन इसे हर आयु वर्ग के लोगों का पसंदीदा नाश्ता बनाता है।

लोकप्रियता और वैश्विक पहुंच

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हालांकि यह केरल की जड़ों से जुड़ा हुआ है, पझम पोरी ने पूरे भारत और दुनिया भर में मलयाली प्रवासी समुदाय के बीच लोकप्रियता हासिल की है। यह अक्सर सांस्कृतिक आयोजनों, खाद्य उत्सवों और केरल-थीम वाले रेस्तरां में परोसा जाता है।

बनाने की विधि

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  1. केले की स्लाइसिंग: पके हुए केले को छीलकर लंबाई में पतले टुकड़ों में काटा जाता है।
  2. घोल तैयार करना: मैदा, थोड़ी चीनी, हल्दी पाउडर और पानी मिलाकर एक चिकना घोल तैयार किया जाता है। घोल की स्थिरता इतनी होनी चाहिए कि यह केले के स्लाइस को समान रूप से कोट कर सके।
  3. तलना: केले के स्लाइस को घोल में डुबोकर गर्म तेल में कुरकुरा और सुनहरा भूरा होने तक तला जाता है।

स्वास्थ्य और पोषण मूल्य

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पझम पोरी में केले और घोल के कारण कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। यह कैलोरी से भरपूर नाश्ता है और इसे संतुलित आहार के हिस्से के रूप में सीमित मात्रा में खाना चाहिए।

[1][2]

  1. "Tasty Circle Pazham Pori Recipe".
  2. Amit, Dassana. "Veg Recipes of India- Ethakka Appam".