नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पञ्चक कहा जाता है। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है।

बोइत वन्दाण

ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। प्रत्येक माह आने वाले पंचक में इन पांच नक्षत्रों की भी गणना की जाती है।[1]

  1. "पंचक फरवरी 2018: जानिए कब से शुरू है पंचक, क्या है इसका महत्व". मूल से 4 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मई 2018.