पटियाला पेग
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पटियाला पैग की शुरुआत पटियाला के महाराज भूपिंदर सिंह ने की। पटियाला या पंजाब के लोग बड़े-बड़े गिलास में लस्सी और दुध गटक जाते है। एक दिन क्रिकेट जितनी की खुशी में उत्साह में पटियाला नरेश बड़े से गिलास में शराब पी गए।
क्रिकेट के शौक़ीन महाराज की दिलचस्प कहानी पढ़िए :-
साल 1920 में डगलस एकादश के विरुद्ध अंबाला छावनी में महाराजा भूपेंद्र सिंह ने 242 रन बनाते हुए एक लंबी पारी खेली थी ।
इस मैच में महाराजा ने 14 चौके और 16 छक्के जड़े । इस मैच के बाद जिस मैदान पर मैच खेला गया था उसी मैदान पर दोनों ही टीमों की खातिर रात्रि भोजन की व्यवस्था करवाई गई ।
अपनी उत्साहवर्धक लंबी पारी खेलने की वजह से महाराजा बेहद खुश नजर आ रहे थे। इसी खुशी की वजह से उन्होंने खुद हीं गिलास में व्हिस्की डाली थी।पार्टी की शुरुआत की। गिलास में आमतौर पर जितनी शराब डाली जाती है, उससे दुगनी शराब की मात्रा गिलास में महाराजा ने डाली । जब महाराजा भूपिंदर सिंह ने कर्नल डगलस को ग्लास थमाते हुए चीयर्स बोला तो कर्नल ने काफी उत्सुकतावश महाराजा से इस पैग के विषय में पूछा।
उस पर महाराजा भूपिंदर सिंह ने डगलस को जवाब देते हुए बोला कि “चुकी आप पटियाला में हैं, और हमारे मेहमान भी हैं, तो टोस्ट के साथ इस पटियाला पैग से कम तो कुछ चलेगा नहीं.” और खुशी-खुशी दोनों ने हीं एक हीं बार में ग्लास की पूरी शराब पी डाली. और वही समय था जिसके बाद से सभी पार्टी फंक्शन में मेहमानों के लिए ‘पटियाला पैग’ अनिवार्य हो गया.
तो दोस्तों, इस तरह महाराजा भूपिंदर सिंह के द्वारा साल 1920 में अपनी जीत का जश्न मनाते हुए उन्होंने ‘पटियाला पैग’ का नामकरण किया. जो आज पूरे विश्व भर में सुप्रसिद्ध हो गया. शुरुआत में ‘पटियाला पैग’ सिर्फ शाही मेहमानों को परोसा जाता था. लेकिन अब हर खुशी के मौके पर लोग अपनी खुशी को दुगना करने की खातिर ‘पटियाला पैग’ का लुत्फ उठाने लगे हैं.