परमपिता परमेश्वर या पित्रीश्वर यैशव धर्म में ईश्वर को प्रदत्त एक उपाधि है। मुख्य-धारा त्रित्ववादी यैशव धर्म में, परमपिता परमेश्वर को त्रित्व का प्रथम व्यक्ति माना जाता है, उसके बाद द्वितीय व्यक्ति, परम पुत्र परमेश्वर येशु मसीह, और तृतीय व्यक्ति, पवित्र आत्मा परमेश्वर को माना जाता है। [1] द्वितीय शताब्दी के बाद से, यैशव धर्मसारों में "परमपिता परमेश्वर (सर्वशक्तिमान)" में विश्वास की पुष्टि (अभिकथन) शामिल थी, मुख्यतः "विश्व के पिता और सृजनकर्ता" के रूप में उनकी क्षमता में। [2]

राफेल का प्रसिद्ध 1518 में नबी यहेजकेल के महिमामय परमपिता परमेश्वर के दिव्य दर्शन का चित्रण।

तथापि, यैशव धर्म में येशु मसीह के पिता के रूप में परमेश्वर की अवधारणा तत्त्वमीमांसक रूप से सभी लोगों के निर्माता और पिता के रूप में ईश्वर की अवधारणा से कहीं आगे जाती है, [3] जैसा कि प्रेरितों के धर्मसार में सांकेतिक है जहाँ "सर्वशक्तिमान परमपिता, स्वर्ग और पृथ्वी के निर्माता" में विश्वास की अभिव्यक्ति "येशु मसीह, उनके एकमात्र पुत्र, हमारे प्रभु" के तुरन्त, किन्तु पृथक्तः पूर्व आता है, इस प्रकार पितृत्व की दोनों भावनाओं को व्यक्त किया जाता है।

  1. Gilles Emery (2011). The Trinity: An Introduction to Catholic Doctrine on the Triune God. Catholic University of America Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8132-1864-9.
  2. Kelly, J.N.D. Early Christian Creeds Longmans:1960, pp. 136, 139, 195 respectively
  3. "God the Father in Rabbinic Judaism and Christianity: Transformed Background or Common Ground?, Alon Goshen-Gottstein. The Elijah Interfaith Institute, first published in Journal of Ecumenical Studies, 38:4, Spring 2001" (PDF). elijah-interfaith.org. मूल (PDF) से 17 December 2012 को पुरालेखित.