परशुराम की प्रतीक्षा
रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित कविता
परशुराम की प्रतीक्षा सामाजिक विषय पर आधारित रामधारी सिंह 'दिनकर' जी द्वारा रचित कविता संग्रह और खण्डकाव्य है। इस कविता संग्रह में लगभग अठारह कविताएँ शामिल हैं।[1][2] इस खण्डकाव्य की रचना उन्होंने 1962-63 (भारत-चीन युद्ध के पश्चात) के आसपास की। कवि का संदेश है कि हमें अपने नैतिक मूल्यों की रक्षा करते हुए अपने राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा के लिए सतत जागरूक रहना चाहिए। युद्धभूमि में शत्रु का विनाश करने के लिए हिंसा अनुचित नहीं है।
परशुराम की प्रतीक्षा | |
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लेखक | रामधारी सिंह 'दिनकर' |
मूल शीर्षक | परशुराम की प्रतीक्षा |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | सामाजिक |
प्रकाशक | लोक भारतीय प्रकाशन , प्रयागराज |
प्रकाशन तिथि | 1993 |
मीडिया प्रकार | सजिल्द |
पृष्ठ | 80.पृष्ठ |
आई॰एस॰बी॰एन॰ | 9788185341132 |
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ Ramdhari Singh Dinkar. परशुराम की प्रतीक्षा. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788185341132.
- ↑ "परशुराम की प्रतीक्षा". Pustak. org. 23 September 2016. अभिगमन तिथि 18 अप्रैल 2022.
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