पर्मियन-ट्राइऐसिक विलुप्ति घटना
पर्मियन-ट्राइऐसिक विलुप्ति घटना (Permian–Triassic extinction event) पृथ्वी के पेलियोज़ोइक (पुराजीवी) महाकल्प के पर्मियन कहलाने वाले अंतिम युग और उसके उपरांत आने वाले ट्राइऐसिक युग के बीच घटित विलुप्ति घटना को कहते हैं। आज से लगभग २५.२ करोड़ वर्ष पूर्व घटी इस महाविलुप्ति में पृथ्वी की लगभग ९६% समुद्री जीव जातियाँ और ज़मीन पर रहने वाली लगभग ७०% कशेरुकी (रीढ़-वाली) जीव जातियाँ हमेशा के लिये विलुप्त हो गई। यह पृथ्वी के अब तक के पूरे इतिहास की सब से भयंकर महाविलुप्ति रही है।[1] यह पृथ्वी की इकलौती ज्ञात विलुप्ति घटना है जिसमें कीटों की भी सामूहिक विलुप्ति हुई।[2] अनुमान लगाया जाता है कि, कुल मिलाकर ७०% जीववैज्ञानिक कुल (families) और ८३% जीववैज्ञानिक वंश (genera) विनाशित हो गये। इतने बड़े पैमाने पर जैव विविधता खोने के बाद पृथ्वी को फिर से पूरी तरह जीवों से परिपूर्ण होते हुए अन्य विलुप्ति घटनाओं की तुलना में अधिक समय लगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि विश्व में फिर जीव-संख्या और विविधता बनते-बनते १ करोड़ वर्ष लग गये।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Sahney, S.; Benton, M. J. (2008). "Recovery from the most profound mass extinction of all time Archived 2018-11-11 at the वेबैक मशीन". Proceedings of the Royal Society: Biological 275 (1636): 759–65. doi:10.1098/rspb.2007.1370. PMC 2596898. PMID 18198148.
- ↑ Labandeira CC, Sepkoski JJ (1993). "Insect diversity in the fossil record". Science 261 (5119): 310–315. Bibcode:1993Sci...261..310L. doi:10.1126/science.11536548. PMID 11536548.
- ↑ "It Took Earth Ten Million Years to Recover from Greatest Mass Extinction Archived 2016-01-20 at the वेबैक मशीन". ScienceDaily. 27 May 2012. Retrieved 28 May 2012.