पर्यावास
पर्यावास या प्राकृतिक वास किसी प्रजाति विशेष के पौधों या जीवों या अन्य जीवधारियों के रहने का एक पारिस्थितिक या पर्यावरणीय क्षेत्र है।[1][2] यह वो प्राकृतिक वातावरण है जिसमे कोई जीवधारी रहता है, या यह वो भौतिक वातावरण है जिस में चारों ओर किसी जीव प्रजाति की आबादी उपस्थित रहती है और इस वातावरण को ना सिर्फ अपनी उपस्थिति से प्रभावित करती है अपितु अपने जीवन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इसके संसाधनों का उपयोग भी करती है।[तथ्य वांछित]
परिभाषा
संपादित करें"आबादी" शब्द का प्रयोग किसी "जीव" के लिए किया जाता है, उदाहरण के लिए हालाँकि किसी एक काले भालू के पर्यावास का वर्णन करना संभव तो है, पर हमें वो विशेष या अकेला भालू तो मिलता नहीं बल्कि, हम अक्सर भालुओं के उस समूह से दो चार होते हैं जो किसी जैवभौगोलिक क्षेत्र में उस विशेष भालू प्रजाति की आबादी का गठन करता हो। इसके अलावा हो सकता है कि इस समूह का पर्यावास किसी और जगह रहने वाले काले भालू के पर्यावास से पूरी तरह से भिन्न हो। इसलिए पर्यावास शब्द का प्रयोग आमतौर पर किसी प्रजाति या किसी अकेले जीव के लिए नहीं किया जाता।
(हिन्दी में जनसंख्या शब्द सिर्फ मानवों की संख्या निर्धारण के लिए प्रयुक्त होता है शेष जीवों के लिए सिर्फ संख्या या आबादी शब्द का प्रयोग होता है, आबादी शब्द का प्रयोग जनसंख्या के पर्यायवाची के तौर पर किया जा सकता है पर जनसंख्या हमेशा आबादी का पर्यायवाची नहीं होता)
सूक्ष्मपर्यावास
संपादित करेंसूक्ष्मपर्यावास शब्द का प्रयोग अक्सर, किसी खास जीव या आबादी की छोटे पैमाने की भौतिक आवश्यकताओं या वर्णन करने के लिए किया जाता है। एक सूक्ष्मपर्यावास अक्सर किसी बड़े पर्यावास के भीतर एक छोटा पर्यावास होता है। उदाहरण के लिए, जंगल के भीतर गिरा एक पेड़ का तना उन कीड़ों को सूक्ष्मपर्यावास प्रदान कर सकता है जो जंगल के विशाल पर्यावास में अन्यत्र नहीं पाये जाते। सूक्ष्मपर्यावरण किसी विशेष जीव या पौधे के पर्यावास मे उसके सन्निकट परिवेश और अन्य भौतिक कारकों को कहते है।