पर्वतीय क्षेत्रों (प्रदेशों) में रहने वाले सभी जीवधारी अर्थात पेड़-पौधे,जीव-जंतु आदि आपस में एवं अपने आसपास के पर्वतीय वातावरण, जलवायु आदि से अंतःक्रिया कर एक जैविक इकाई (पारितंत्र) का निर्माण करते हैं उसे पर्वतीय पारितंत्र (montane ecosystem) कहते हैं [1]

स्विस आल्पस के गोम्स जिले में स्थित एक उप-अल्पाइन झील

पर्वतीय पारितंत्र, पारिस्थितिकी की एक शाखा है जिसके अन्तर्गत पहाड़ों अथवा पृथ्वी पर उपस्थित अन्य उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जीवन प्रणालियों का अध्ययन किया जाता है। जैसे जैसे ऊँचाई में वृद्धि होती है, जलवायु में परिवर्तन आते हैं और तापमान तेजी से गिरता है, जिसके कारण यहां उपस्थित पारिस्थितिकी प्रणालियां भी प्रभावित होती हैं। इस वजह से, पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्रों का ऊंचाई के अनुसार जीवन के क्षेत्रों के रूप में स्तरीकरण किया जाता है। जहां मध्यम ऊंचाई पर घने वन पाये जाते हैं, वहीं ऊंचाई बढ़ने के साथ जलवायु कठोर हो जाती है और वनस्पति, घास के मैदानों से लेकर टुन्ड्रा प्रदेशों में तबदील हो जाती है।

  1. यजंतशर्मा, (2000)