पशु-रति अथवा पशु-अनुरक्ति (Zoophilia) जानवरों पर यौन निर्धारण को समाहित करने वाली अपकामुकता को कहा जाता है। मनुष्य और गैर मनुष्य जानवरों के मध्य होने वाले अन्तर-प्रजातीय यौन गतिविधि को पशुगमन कहते हैं। इन शब्दों को सामान्यतः एक दूसरे के स्थान पर प्रयुक्त किया जाता है लेकिन कुछ शोधकर्ता इनमें आकर्षण (पशु-अनुरक्ति) और कार्य (पशुगमन) के रूप में विभेद करते हैं।[1]

भारत में खजुराहो के लक्ष्मण मन्दिर में एक व्यक्ति का घोड़े के साथ पशु-अनुरक्ति का, मन्दिर के बाहर लगा पाषाण चित्र।

यद्यपि विभिन्न देशों में पशुगमन वैधानिक रूप से अवैध है तथा पशुगमन को जानवरों के साथ दुर्व्यवहार नियमों के अन्तर्गत अवैध माना जाता है तथा ये अपराध की श्रेणी में आता है।

  1. Ranger, R., & Fedoroff, P. (2014). "Commentary: Zoophilia and the Law". Journal of the American Academy of Psychiatry and the Law Online (अंग्रेज़ी में). 42 (4): 421–426. PMID 25492067. मूल से 3 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अप्रैल 2015.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)