पश्चिमी मधु मक्खी
पश्चिमी मधु मक्खी "मधुमक्खी" शब्द लैटिन भाषा के मेलिफेरा से लिया गया है। जिसका अर्थ "शहद धारण करने वाली" या "शहद ले जाने" वाली है। दुनियाँ भर में पश्चिमी मधु मक्खियों की 7-12 प्रजातियाँ पायी जाती है।[1]
बंटवारा और आदत
संपादित करेंपश्चिमी मधु मक्खी अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर पाई जा है। माना जाता है कि इस प्रजाति की उत्पत्ति अफ्रीका[2] या एशियामें हुई थी,[3] और यह स्वाभाविक रूप से अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में फैल गई। इसके अलावा ये दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और पूर्वी एशिया में पायी जाती है।
जीवन चक्र
संपादित करेंपश्चिमी मधु मक्खियों के जीवन चक्र को चार चरणों में विभाजित किया गया है : अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क चरण। अंडा—रानी मधुमक्खी अपने बस्ती की एकमात्र मधुमक्खी है जो एक दिन में लगभग 2,000 से 3,000 अंडे देने में सक्षम है। अंडा सीधा खड़ा होता है और तीसरे दिन किनारे पर गिर जाता है। रानी मधुमक्खी निषेचित अंडा और अनिषेचित अंडा दोनों देती है। निषेचित अंडा मादा मधुमक्खी या रानी मधुमक्खी में विकसित होता है। अनिषेचित अंडे फूटते हैं और नर मधुमक्खियाँ पैदा होती हैं।
लार्वा—एक श्रमिक और रानी मधुमक्खी के बीच का अंतर अंडे के लार्वा में बदलने के तीन दिन बाद और छत्ते में अंडा देने के छह दिन बाद किया जाता है। सभी लार्वा, यानी मादा मधुमक्खियों, श्रमिकों और ड्रोन मधुमक्खियों को उनके शुरुआती तीन दिनों के दौरान लार्वा के रूप में खिलाई जाती है। इस पूरे चरण में लार्वा कई बार त्वचा छोड़ता है। जो अंततः रानी मधुमक्खी बन जाती है। अंत में, कार्यकर्ता मधुमक्खियाँ लार्वा को प्यूपा में बदलने की सुरक्षा और सुविधा के लिए कोशिका के शीर्ष को मोम से ढक देती हैं।
प्यूपल—यहाँ मधुमक्खीयों के पंख, आंखें, पैर और छोटे शरीर के बाल जैसे हिस्से विकसित होते हैं। जो शारीरिक रूप से एक वयस्क मधुमक्खी के करीब दिखाई देते हैं।
वयस्क—एक बार जब प्यूपा परिपक्व हो जाता है, तो नई वयस्क मधुमक्खी बंद कोशिका से बाहर निकल जाती है। रानी मधुमक्खी को अंडे देने की अवस्था से वयस्क बनने में 16 दिन लगते हैं। श्रमिक मधुमक्खी को पूर्ण विकास में 18 से 22 दिन लगते हैं, और ड्रोन मधुमक्खी को वयस्क मधुमक्खी में विकसित होने में 24 दिन लगते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ लो॰, एन॰; गोलाग, आर॰एस॰; एंडरसन, डी॰एल॰; ओल्ड्रोयड, बी॰पी॰ (2010). "जीनस एपिस की आण्विक जातिवृत्तिकी से पता चलता है कि फिलीपींस की विशाल मधुमक्खी, ए॰ ब्रेविलीगुला मा, और दक्षिणी भारत की मैदानी मधुमक्खी, ए॰ इंडिका फैब्रिकियस, वैध प्रजातियाँ हैं". व्यवस्थित कीट विज्ञान. 35 (2): 226–233. डीओआइ:10.1111/j.1365-3113.2009.00504.x.
- ↑ "मधु मक्खियों के बारे में कुछ धारणाओं को खारिज करने वाला शोध". ScienceDaily. December 29, 2006.
- ↑ Winston, M.; Dropkin, J.; Taylor, O. (1981). "दो मधुमक्खी प्रजातियों की जनसांख्यिकी और जीवन इतिहास की विशेषताएं". Oecologia. 48 (3): 407–413. PMID 28309760. डीओआइ:10.1007/bf00346502. बिबकोड:1981Oecol..48..407W.