पहाड़ी खाना
पहाड़ी खाना भारत के पहाड़ी राज्यों, विशेषकर उत्तराखण्ड में लोकप्रिय है। खाने में आम तौर से तीन प्रकार की थाली शामिल हैं जिन्हें नंदा थाली, महासू थाली व देवलगढ़ राजभोग थाली कहा जाता है। वहीं उतराखंडी मिठाई, अर्से, गुड़ की जलेबी, झंगरियाल, पल्लर, मंड़वे की रोटी, मक्के की रोटी, कंडाली का साग, तोर की दाल, व पंचमढ़ी दाल, जिसमें हींग व जख्या का तड़का लगा होगा, लाल चावल, कुमाउनी चटनी, मड़वे के समोसे व मोमो व उतराखंड में पैदा होने वाली सब्जी भी इस भोजन का हिस्सा हैं। सभी खानों में तिल व चीलू का तेल प्रयोग पारंपरिक रूप से किया जाता है। इसके साथ ही साथ ही गुड़ की चाय व शिलाजीत की चाय उल्लेखनीय हैं। खाना आम तौर से जमीन पर बैठ कर कांसे की थाली व कटोरियों में परोसा जाता है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2019.
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