पहेतिया
पहेतिया पंचायत का सबसे बड़ा गाँव, पहेतिया, बिहार के वैशाली जिले में स्थित है। यह हाजीपुर जिला मुख्यालय से सिर्फ 9 किलोमीटर दूर है। यह गाँव अपने समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के लिए जाना जाता है। भूमिहार जाति के बहुल इस गाँव की सामाजिक संरचना, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विविधता इसे एक विशिष्ट और जीवंत समुदाय बनाती है।
Pahetiya Pahetia | |
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Gram Panchayat | |
निर्देशांक: 25°45′35.2″N 85°14′19.0″E / 25.759778°N 85.238611°Eनिर्देशांक: 25°45′35.2″N 85°14′19.0″E / 25.759778°N 85.238611°E | |
Country | India |
State | Bihar |
District | vaishali |
Assembly Constituency | hajipur assembly constituency (AC.123)[1] |
संस्थापक | 3 brother of Kashyap Gotriya Mahahwariya Bhumihar |
Languages | |
• Official | Hindi, and Bajjika |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | IN-BR |
इतिहास.
संपादित करेंपहेतिया का इतिहास भूमिहार समुदाय की विरासत से गहराई से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं और स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, कश्यप गोत्रीय महवरिया अथवा मौआर भूमिहार के तीन भाई इस उपजाऊ भूमि पर सबसे पहले आकर बसे थे, जिन्होंने गाँव की नींव रखी। उनके वंशज अब तीन प्रमुख समूहों में विभाजित हैं—10 भैया, 8 भैया, और 4 भैया—जो गर्व के साथ अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। भूमिहार, जो पारंपरिक रूप से भूमिपति और किसान रहे हैं, पहेतिया की पहचान पीढ़ियों से आकार दी है। उनका उपाधि ठाकुर उनके ऐतिहासिक भूमिका को दर्शाता है, जिसमें वे भूमि के संरक्षक और समुदाय के नेता रहे हैं। कृषि के प्रति उनकी समर्पित भावना ने पहेतिया को एक समृद्ध गाँव में बदल दिया, उनके प्रभाव को स्थायी बनाया और समृद्धि सुनिश्चित की। समय बीतने के बावजूद, भूमिहार परिवारों में एकता और उनके पूर्वजों से जुड़ाव अब भी अटूट है। पहेतिया अपने इतिहास, परंपरा और सामुदायिक शक्ति का प्रतीक है। यहाँ की विरासत और सद्भावना आज भी जीवित है। कुछ भूमिहार अपने उपनाम मिश्रा, सिंह और शर्मा भी प्रयोग करते हैं।
अन्य समुदाय
संपादित करेंहालांकि पहेतिया की पहचान में भूमिहार समुदाय का केंद्रीय स्थान है, लेकिन यह गाँव अपनी विविधता से समृद्ध है। यहाँ दुसाध या पासवान, मल्लाह या निषाद, चमार, धोबी, कानू, तांती या ततवा, और कोइरी जैसी अन्य जातियाँ भी रहती हैं, जो गाँव के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। दुसाध समुदाय, जो यहाँ की सबसे बड़ी जनसंख्या समूह है, अपनी दृढ़ता और समर्पण के लिए जाना जाता है। मल्लाह, जो जल-व्यवसाय में निपुण हैं, दूसरा सबसे बड़ा समूह है। इन सभी समुदायों के भिन्न-भिन्न कार्य और परंपराओं के बावजूद, वे सौहार्दपूर्वक एक साथ रहते हैं, जो पहेतिया की पहचान को और गहराई और ऊर्जा प्रदान करते हैं। यह विविधता में एकता पहेतिया को समृद्ध बनाती है और इसे सहअस्तित्व और सामूहिक प्रगति का एक आदर्श उदाहरण बनाती है।
भूगोल और भूमि उपयोग
संपादित करेंयह पंचायत 25°45′35.2″ उत्तर अक्षांश और 85°14′19.0″ पूर्व देशांतर पर स्थित है और क्षेत्रफल में काफी बड़ी है, जिससे यह पंचायत का सबसे बड़ा गाँव है, जनसंख्या और भूमि क्षेत्र दोनों के मामले में। गाँव की उपजाऊ भूमि कृषि के लिए अनुकूल है, जो इसकी अर्थव्यवस्था की मुख्य आधार है। भूमिहार समुदाय, जो यहाँ के प्रमुख भूमि स्वामी हैं, बड़े पैमाने पर खेती में संलग्न हैं, जबकि अन्य लोग मजदूर या सहायक कृषि कार्यों में लगे हुए हैं।
सांस्कृतिक और सामाजिक पहलू
संपादित करेंपहेतिया के निवासी विभिन्न त्योहारों को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं, जो उनकी गहरी सांस्कृतिक परंपराओं को प्रदर्शित करता है। छठ पूजा, होली, देवोत्थान और दिवाली जैसे त्योहार सामूहिक रूप से मनाए जाते हैं, जहाँ जातिगत भेदभाव काफी हद तक समाप्त हो जाता है। हालांकि, बिहार के कई ग्रामीण इलाकों की तरह, यहाँ भी जातिगत पहचान सामाजिक संवादों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भूमिहार समुदाय के बीच साझा पूर्वजों की उपस्थिति इस गाँव में एकता और सामूहिक गर्व की भावना को और गहरा करती है, भले ही 10 भैया, 8 भैया और 4 भैया समूहों के बीच विभाजन हो। विशेष रूप से देवोत्थान केवल भूमिहार समुदाय के बीच ही मनाया जाता है।
निकटतम शहर/कस्बा
संपादित करेंवैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहेतिया अपनी रणनीतिक स्थिति का भरपूर लाभ उठाता है। हाजीपुर के निकट होने के कारण गाँववासियों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और बाजार सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। जिला केंद्र से इस नज़दीकी संबंध ने परंपरागत ग्रामीण जीवनशैली में कुछ आधुनिक प्रभाव भी डाले हैं।
निकटतम प्रमुख सड़क राजमार्ग या नदी
संपादित करेंराष्ट्रीय राजमार्ग 22 (निकटतम राजमार्ग) [2]
कम्पास
संपादित करेंपंचायत में गाँव
संपादित करेंइस पंचायत में गाँव हैं [3]
एस. एन. | गाँव | ||
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1 | पहेतिया | ||
2 | सलेमपुर किशुंडस | ||
3 | सलेमपुर किशुंडस | ||
4 | नोनपुर | ||
5 | चक भटंडी | ||
6 | भटंडी | ||
7 | मलिकपुर पिपरा-उर्फपनाप | उर पिपरा | |
8 | बिर्रा | ||
9 | मिरनगर अराज़ी | ||
निष्कर्ष
संपादित करेंसमृद्ध ऐतिहासिक विरासत, सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता और रणनीतिक स्थान के साथ पहेतिया गाँव बिहार के ग्रामीण जीवन की आत्मा को दर्शाता है। अपनी परंपराओं में गहराई से जुड़ा हुआ होने के बावजूद, यह गाँव शहरी केंद्रों के निकट होने के कारण बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। यदि अपनी चुनौतियों का समाधान किया जाए और उपलब्ध अवसरों का सदुपयोग किया जाए, तो पहेतिया क्षेत्र के लिए एक आदर्श गाँव में बदलने की अपार संभावनाएं रखता है।
संदर्भ
संपादित करें- ↑ The Chief Electoral Officer of Bihar official, hajipur pdf
- ↑ Map—Vaishali district official government website Archived 4 नवम्बर 2014 at the वेबैक मशीन file type: image/jpeg, size:13.9 MB
- ↑ Reports of National Panchayat Directory Ministry of Panchayati Raj Government of India List of Census Villages mapped for PAHETIYA Gram Panchayat, HAJIPUR, VAISHALI, BIHAR Archived 2014-11-03 at the वेबैक मशीन Report printed on 26/09/2014 National Panchayat Portal, Panchayat Informatics Division