पाकिस्तान खपे (नस्तालीक़: پاکستان کھپے‎) पंजाबी, सिन्धी और उर्दू भाषाओँ का एक विवादित नारा है। इसका पंजाबी और उर्दू में अर्थ होता है "पाकिस्तान खप जाए (यानि उसका नाश हो)" लेकिन सिन्धी में अर्थ होता है "पाकिस्तान चाहिए (यानि नाश से बचा रहे)।" इसके विपरीत सिन्धी भाषा में "पाकिस्तान न खपे" का मतलब है के "हमें पाकिस्तान नहीं चाहिए।"

सिन्धी अलगाववादी अक्सर अपने जलसों में "पाकिस्तान न खपे" के नारे लगते हैं। बेनज़ीर भुट्टो की मौत पर उनकी "पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी" के कार्यकर्ताओं ने "पाकिस्तान न खपे" के राष्ट्र-विरोधी नारे लगाए थे। इस विद्रोही भावना को शांत करने के लिए बेनज़ीर भुट्टो के पति और आगे चलकर पाकिस्तान के बनने वाले राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने "पाकिस्तान खपे" का जवाब दिया। इसपर उनके आलोचकों ने प्रश्न उठाया है के उनका तात्पर्य इस नारे का सिन्धी अर्थ है या पंजाबी।[1][2]

इन्हें भी देखें

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अक्तूबर 2017.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अक्तूबर 2017.

बाहरी कड़ियाँ

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