पाकिस्तान में महिलाओं से सम्बन्धित विधियाँ
पाकिस्तान की संसद् ने परिवार, विरासत, राजस्व, नागरिक और आपराधिक क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक शक्ति देने के लिए कई विधियों को लागू किया है। ये विधियाँ लैङ्गिक भेदभाव के बिना वाक् तथा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का एक प्रयास है। ये विधियाँ कुरान तथा शरिया सम्मत हैं।
विधियाँ जो महिलाओं की सुरक्षा करते हैं
संपादित करें- घरेलू हिंसा (निवारण और संरक्षण) विधेयक (2009)
- अम्ल नियन्त्रण तथा अम्ल अपराध निवारण अधिनियम (2010)
- कार्यस्थल में महिलाओं के उत्पीड़न के विरुद्ध संरक्षण अधिनियम (2010) [1]
- आपराधिक अधिनियम (संशोधन) अधिनियम (2010)
- महिला विरोधी प्रथाओं की निवारण अधिनियम (2011)
- संकट और निरोध कोष में महिलाएँ (2011)
- आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम (अम्ल से सम्बन्धित अपराधों को रोकने के लिए लक्ष्यित) (2011)
- घरेलू हिंसा निवारण और संरक्षण विधेयक (2012)
- महिलाओं की स्थिति पर राष्ट्रीय आयोग अधिनियम (2012)
- राष्ट्रीय मानवाधिकार अधिनियम आयोग (2012)
- ट्रांसजेण्डर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2018
- दहेज और दुल्हन उपहार अधिनियम
- महिला, हिंसा और जरगा अधिनियम
- कुरान में निकाह
- महिला कृषि विधेयक 2019 [2]
- 2019 का सिन्ध महिला कृषि श्रमिक अधिनियम (SWAWA) 2021 में पारित हुआ [3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Saleem, Sana (4 March 2010). "Logging on to empower women". DAWN.COM (अंग्रेज़ी में).
- ↑ "WDF hails passing of Sindh Women Agriculture Workers Bill". www.thenews.com.pk (अंग्रेज़ी में).
- ↑ Reporter, The Newspaper's Staff (2022-06-27). "Peasants' rights report shows govt flouts laws". DAWN.COM (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-06-28.