पानजनाद नदी
पंजनद नदी
संपादित करें'पंजनद' (ਪੰਜਨਦ) अर्थात पांच नदियाँ का संगम | पंजाबी भाषा में पंज का मतलब है पांच नदियों का संगम | वेदों में पुरातन पंजाब का नाम पंचनद के नाम से जिक्र मिलता है | ये पांच नदियाँ है जेहलम, चेनाब, रावी, व्यास और सतलुज|
पांच नदियों का संगम
संपादित करेंपहिली नदी, झेलम नदी (Jhelum) वेरी नाग चश्में से उद्गम होती हुई कश्मीर से निकल के वुल्लर झील से गुजरती हुई पाकिस्तान में दाखिल हो जाती है | 724 किलोमीटर की कुल दुरी तय करती हुई ‘त्रिमू’ नाम की जगह पर चेनाब में मिल जाती है|
दूसरी नदी चेनाब (Chenab), ‘बारा-लाचा’ श्रोत से निकल के चन्द्र-भागा नामक दो और नदिओं के साथ किस्तवाड़, अखनूर (जम्मू-कश्मीर) होती हुई पाकिस्तान पंजाब में जाकर सतलुज में गिर जाती है |
तीसरी नदी रावी (Ravi), रोहतांग दर्रे से निकलके पाकिस्तानी पंजाब में रंगपुर के पास चेनाब में शामिल हो जाती है |
चौथी नदी, व्यास (Beas), रोहतांग दर्रे से निकलके कुल्लू मनाली होती हुई हरिके-पत्तन नाम के स्थल पर सतलुज दरिया में लीन हो जाती है |
पांचवी नदी, सतलुज (Sutlej), मानसरोवर झील से उद्गम होके स्पीती घाटी के कुछ नदियों से होती हुई रोपड़ पार करती हुई फिरोजपुर फाजिल्का के पास से पाकिस्तान-पंजाब में दाखिल हो जाती है | सतलुज चेनाब नदी में लीन होने के बाद और सिंध दरिया में शामिल होने से पहले उच्च-शरीफ़(Uch Sharif) के पास करीब 45 किलोमीटर का फासला तय करती है | इस 45 किलोमीटर के फासले की नदी ‘पंजनद’ कहलाती है | इसके बाद ये नदी सिंध(Sindh) दरिया में शामिल होके गुजरात होती हुई अरब सागर में खपत हो जाती है |