पितामह सिद्धान्त
पितामह सिद्धान्त एक खगोल संबन्धी प्राचीन भारतीय ग्रन्थ है जिसके रचयिता पितामह थे। इस ग्रन्थ में सूर्य की गति व चन्द्र संचार की गणनाओं का उल्लेख किया गया है। यह शास्त्र आज अधूरा ही उपलब्ध है।
सूर्यसिद्धान्त की भूमिका में 'पितामह' नाम इस प्रकार आया है-
- सूर्यः पितामहो व्यासो वसिष्ठोऽत्रिः पराशरः।
- कश्यपो नारदो गर्गो मारीचिर्मनुरङ्गिराः॥
- लोमशः पुलिशश्चैव च्यवनो यवनो भृगुः।
- शौनकोऽष्टादशश्चैते ज्योतिःशास्त्रप्रवर्त्तकाः॥
अर्थात वैदिक ज्योतिष को ऊंचाईयों पर ले जाने वाले ऋषियों में सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ठ, अत्रि, पराशर, कश्यप, नारद, गर्ग, मरीचि, मनु, अंगीरश, लोमश, पोलिश, चवन, यवन, भृगु, शौनक आते हैं।