पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न
पियर्सिंग कैंडल स्टिक पैटर्न (Piercing Candlestick Pattern) का निर्माण दो निश्चित आकार के कैंडल के मिलने से होता है | इस कारण से इसे डबल कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है | जब कोई शेयर लगातार डाउन ट्रेंड में ट्रेड करता है तब जब डाउन ट्रेंड की समाप्ति होने वाली होती है या शेयर अपने सपोर्ट के आस पास हो |
इसमें पहला कैंडल एक बड़ा, बेयरिश कैंडल होता है तथा दूसरा कैंडल एक बड़ा बुलिश कैंडल होता है जिसका निर्माण गैप डाउन ओपन होने के बाद शेयर की कीमत में बड़ी तेज़ी के कारण होता है | इसमे बड़ी बुलिश कैंडल की क्लोजिंग बेयरिश कैंडल के मध्य से ऊपर होता है | इस दोनों कैंडल में बॉडी बड़ी तथा शैडो बहुत छोटी या न के बराबर होती है | इसमे बेयरिश कैंडल बियर्स के विजय तथा बुल्स कैंडल तेजड़िए के विजय को दर्शाती है | यह एक बुलिश ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न है जो डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रहे शेयर को अपट्रेंड में बदल जाने का संकेत देता है |
ट्रेड कब लें?
संपादित करेंपियर्सिंग पैटर्न का निर्माण हो जाने के बाद जब अगली कैंडल, बुलिश कैंडल बन जाये तब पियर्सिंग पैटर्न को कन्फर्म पैटर्न माना जाता है | इसके बाद वाली कैंडल जैसे ही कन्फर्मेशन कैंडल का हाई ब्रेक कर ऊपर निकल जाये वैसे ही शेयर में खरीदारी की जा सकती है | इसमे ट्रेडर अपना स्टॉप लॉस पियर्सिंग कैंडल का low लगते है | Read More Details...