पिलास्टर
परम्परागत स्थापत्य कला का एक वास्तु घटक होता है; जिसका प्रयोग दिखने में एक सहायक स्तंभ की उपस्थित
अर्ध स्तंभ (जिसे कुड्य स्तंभ भी कहते हैं, (अंग्रेज़ी):पिलास्टर) परम्परागत स्थापत्य कला का एक वास्तु घटक होता है; जिसका प्रयोग दिखने में एक सहायक स्तंभ की उपस्थिति का कार्य करता था एवं ऊपरी दीवार की सीमा तय करता था। मूल रूप में इसका प्रयोग अलंकरण मात्र होता था। इसमें एक सीधी सतह दीवार की मूल सतह से उभरी या उठी हुई होती थी और एक स्तंभ का आभास देती थी जिसके ऊपर एक स्तंभ शीर्ष भी बना होता था तथा नीचे एक स्तंभ आधार भी बना होता था, साथ ही अन्य स्तंभ संबंधी घटक भी उपस्थित रहते थे। एक पिलास्टर की तुलना में एक असल स्तंभ दीवार एवं ऊपरी छत के घटकों को असल में सहारा देता था।
दीर्घा
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फ़्रैंकफ़र्ट, जर्मनी की एक इमारत में पिलास्टर एवं स्तंभ शीर्ष]]
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पुएर्ता दे ला कोलिजियाता, लर्मा, स्पेन
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पैरिस की एक इमारत में कोरियन्थन पिलास्टरों की रेखा।
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एक अंग्रेज़ी घरेलु इमारत में ईंटों के पिलास्टर।
टिप्पणियां
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- ग्रंथ सूची
- ल्युइस, फिलिपा एवं जिलियन डार्ले, डिक्श्नरी ऑफ़ ऑर्नामेण्ट् (१९८६) न्यू यॉर्क: पॅन्थियन