पीकू दू फोगू
पीकू दू फोगू (पुर्तगाली: Pico do Fogo, फोगू का शिखर) वर्दे अंतरीप का सर्वोच्च शिखर है, जिसकी ऊँचाई समुद्र तल से ऊपर 2829 मीटर (९२८१ फुट) के लगभग है। फोगो द्वीप पर यह एक सक्रिय मिश्रित ज्वालामुखी है। इसके मुख्य शंकु से पिछला उद्गार 1675 में हुआ था, जो द्वीप से बड़े पैमाने पर हुए उत्प्रवास का कारण बना, जबकि इसके एक सहायक शंकु से 1995 में लावा धधक उठा था। इसका एकमात्र घातक विस्फोट 1847 में हुआ था जिसके परिणामस्वरूप सभी द्वीप पर आये भूकंप ने कई लोगों की जान ली थी।
पीकू दू फोगू | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 2,829 मी॰ (9,281 फीट) [1] |
उदग्रता | 2,829 मी॰ (9,281 फीट) |
एकाकी अवस्थिति | 1,674 कि॰मी॰ (5,492,000 फीट) |
निर्देशांक | 14°57′00″N 24°20′30″W / 14.95000°N 24.34167°Wनिर्देशांक: 14°57′00″N 24°20′30″W / 14.95000°N 24.34167°W [1] |
भूगोल | |
भूविज्ञान | |
पर्वत प्रकार | मिश्रित ज्वालामुखी |
अंतिम विस्फोट | 1995 |
पीकू दू फोगू की पहाड़ी ढलानों पर कॉफी की खेती होती है, जबकि इससे उद्गारित लावा को निर्माण सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके शिखर के निकट इसका ज्वालामुख-कुण्ड और एक छोटा सा गांव, चा दास कैल्डाइरास, इस ज्वालामुख-कुण्ड के अंदर स्थित है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "Fogo". Global Volcanism Program. Smithsonian Institution. अभिगमन तिथि 2011-04-11.